गुरू एमएसजी हम सबसे मिलने आएं
लाखों करोड़ों के नशे बुराइयां छुड़ाए
चला आॅनलाइन गुरुकुल सत्संग चहुँ और रामनाम के फूल खिलाए,
खुशियों रहमतों के लुटा के, समुद्रों के समुद्र दर्श दीदार के सब काबिल बनाए।
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। ये पंक्तियाँ अपने आप में सब कुछ बयां कर रही हैं। गुरु के बिना हमारा जीवन अधूरा है। गुरु के बिना हम जीवन का सार ही नहीं समझ सकते। गुरु ही हमारे जीवन में रस घोलता है। भारत में सदियों से गुरु का महत्व रहा है। यहाँ की माटी एवं जनजीवन में गुरु को ईश्वरतुल्य माना गया है, क्योंकि गुरु न हो तो ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग कौन दिखाएगा? गुरु ही शिष्य का मार्गदर्शन करते हैं और वे ही जीवन को ऊर्जामय बनाते हैं। Ram Rahim
आज हम बात कर रहे हैं पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की जो 40 दिन की रूहानी यात्रा पर बरनावा आश्रम में आए और उन्होंने 40 दिन के दौरान लाखों लोगों का नशा छुड़वाकर उन्हें राम-नाम से जोड़ा। पूज्य गुरुजी ने युवाओं को बिजनेस टिप्स से लेकर हेल्थ टिप्स और घरेलु समस्याओं का समाधान बताया। पूज्य गुरुजी ने “चैट पे चैट” भजन के माध्यम से बच्चों की वीडियो गेम खेलने की आदत भी छुड़वाई। पूज्य गुरुजी ने खाने के बाद टहलने के लिए प्रेरित कर समाज की मोटापे की समस्या पर भी जोर दिया। Ram Rahim
जब हमारा गुरु हमें सब कुछ दे रहा है, राम-नाम से जोड़ रहा है, हमारे घर की रक्षा कर रहा है, हमारे हर बिगड़े काम बना रहा है। सिर्फ यही नहीं, मौत जैसे भयानक कर्म भी सूली से सूल में बदल रहा है तो ऐसे पूर्ण गुरु को सजदा क्यों ना करें। ऐसी ही गुरु भक्ति वह गुरु प्रेम का नजारा इन दिनों देखा जा रहा है। परमपिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन अवतार माह व नए साल 2023 के आगमन को लेकर हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, केरल, असम, जम्मू और कश्मीर, पश्चिमी बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, ओड़िशा, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और पड़ोसी देशों से पूज्य गुरुजी को हजारों-लाखों की संख्या में ग्रीटिंग कार्ड भेज डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी अपने गुरु को बेशुमार रहमतों का तहदिल शुकराना करते नज़र आ रहे हैं।
गुरु गोविंद दोऊ खड़े काकै लागूं पाए,
बलिहारी गुरु अपने जिन गोविंद दीयो मिलाए।।
गुरु कर्मयोगी और ज्ञान योगी होता है : पूज्य गुरुजी | Ram Rahim
पूज्य गुरुजी ने फरमाया कि राम-का नाम, कैसे, कब, किस तरह असर करता है, जब आप सच्चे गुरु से मिलते हैं। ‘गु’ का मतलब होता है अंधकार, ‘रू’ का मतलब प्रकाश। ‘गुरु’ का मतलब जो अज्ञानता रूपी अंधकार में, ज्ञान का दीपक जला दे और बदले में कुछ भी ना ले, वो सच्चा गुरु होता है। मंत्र, शब्द, तरीका, मैथड, युक्ति, गुरुमंत्र, गुरु मंत्र देता है, अपना नहीं, गुरुमंत्र का मतलब गुरु भगवान के जिन शब्दों का अभ्यास खुद करता है और कहता है कि मुझे वो परमपिता परमात्मा के दर्शन हुए, मुझे उसके नजारे मिलते हैं। गुरु खुद पहले उन मंत्रों का जाप करता है और फिर दूसरों को बताता है कि भाई मैं भी इन्सान हूँ, आप भी इन्सान हैं, मैंने इन शब्दों का जाप किया, मुझे सब कुछ मिला, आप जाप करोगे तो आपको क्यों नहीं मिलेगा? आगे है बात, गुरु को मानते हैं, गुरु की नहीं मानते। कोई फायदा नहीं, गुरु को मानो, पर गुरु की उससे भी ज्यादा मानो क्योंकि गुरु अपनी सेवा नहीं करवाता।
वो गुरु नहीं होता, मेरे पाँव दबा दे, मेरे हाथ दबा दे, मेरा सिर दबा दे, जी नहीं, गुरु कर्मयोगी होता है। हमारे पवित्र वेदों में लिखा है गुरु कर्मयागी और ज्ञानयोगी होता है। तभी वो दूसरों को कर्म करना सिखायेगा, तभी दूसरों को ज्ञान करना सिखाएगा। हमारे धर्मों में लिखा है, सभी धर्मों में। शुरूआत हिंदू धर्म से हम इसलिए करते हैं क्योंकि पुरातन समय से कोई धर्म है तो ये ही है। सनातन कह लिजिए, पुरातन कह लिजिए, बात एक ही है, तो इसमें लिखा है, कर्मयोगी बनो और ज्ञानयोगी बनो। दोनों एक दूसरे के बिना अधुरे हैं, कर्म कर रहे हो, कर्म का ज्ञान नहीं, तो गलत कर्म कर जाओगे तो दु:खी होते रहोगे। ज्ञानयोगी हो, कर्म नहीं करते, उस ज्ञान का बोझ ढोहने के अलावा कोई फायदा नहीं। आपको पता है धरती में पानी है। बाहर बैठके ज्ञान है आपको, धरती पे बैठ जाओ, बोलो निकल पानी बाहर तो क्या निकल आएगा। जी नहीं, पता है बोरिंग करानी पड़ेगी, मोटर डालनी पड़ेगी, यहाँ पानी है तो बाहर आ जाएगा, तो ज्ञान और कर्म, दोनों जब जुड़ जाते हैं, तो आदमी सम्पूर्ण हो जाता है।
गुरू से बढ़कर होत न कोय
गुरू बिन कहीं मिलती न ढोय
गुरू ही मोक्ष का द्वार है
गुरू ही करता इस नर जीवन का उद्धार है
गुरू ही खेवनहार है और वही लंघाता जीवन नैया पार है।
गुरू एमएसजी हम सबसे मिलने आएं
लाखों करोड़ों के नशे बुराइयां छुड़ाए
चला आॅनलाइन गुरुकुल सत्संग चहुँ ओर रामनाम के गुल खिलाए,
खुशियों रहमतों के लुटा के समुद्रों के समुद्र दर्श दीदार के सब काबिल बनाए।
सतगुरु ने नशे बुराइयाँ त्यागने व
मोबाइल के न करने दुरूपयोग पर रूहानी सॉन्ग चलाये
जो जन जन की जुबां पर जा रहे आज हर पल गुनगुनाये।
किए बड़े महान एहसान जो मानवता पर वें लिख बोलकर न जाये गिनाये।
पूज्य गुरूजी जी का कर स्मरण
अनुयायी उन्हें भेज रहे बधाइयों के संस्मरण
आओ हम सब भी कुछ करें सतगुरु के लिए खास
बधाई की कुछ पंक्तियाँ भेजें उनके पास।
आओ हम सब बढ़ चढ़कर पूज्य गुरूजी जी की शान में करें कुछ खास
सतगुरु साईं जी हो प्रसन्न लेखे लगा देंगे हमारे स्वांस।
बृजेश कुमार इन्सां
ब्लॉक भंगीदास
रूडकी, जिला हरिद्वार, उत्तराखंड
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