पिछले साल दिसंबर महीने में अंगीठी के दम घुटने से हो गई थी तीन बच्चों की मौत
अबोहर। (सुधीर अरोड़ा) ठंड बढ़ने के साथ ही लोग इससे बचने के लिए अलग-अलग साधनों का इस्तेमाल करने लगते है जिसमें कोयले की अंगीठी इत्यादि भी शामिल है लेकिन कोयले की अंगीठी का इस्तेमाल करना जानलेवा हो सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल करने से गुरेज करें। इतना ही नहीं गैस गीजर का उपयोग भी पूरी सावधानी से करें क्योकि इस कारण भी कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है।
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पिछले साल की बात करें तो कमरे में कोयले की अंगीठी का इस्तेमाल करने से 28 दिसंबर 2021 को अजीत नगर में दम घुटने से तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। घर या कमरे में अंगीठी जलाएं तो यह ध्यान रखें कि खिड़की खुली हो। हवा की आवाजाही के लिए व्यवस्था बनी हो। अगर बच्चे साथ हैं तो कमरे के अंदर अंगीठी या अलाव न जलाना ही बेतहर है। रात में अंगीठी का इस्तेमाल खतरनाक है क्योंकि इससे आग भी लग सकती है। अंगीठी का इस्तेमाल थोड़े समय के लिए ही करें। इससे कमरे में आॅक्सीजन की मात्रा कम नहीं होगी।
बंद कमरों में ना करें अंगीठी का प्रयोग: डॉ. साहब राम
सर्दी के दिनों में लोगों द्वारा अंगीठी का प्रयोग किए जाने पर सरकारी अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. साहब राम ने कहा कि अक्सर लोग सर्दी से बचने के लिए इस रास्ते को अपनाते है। गत वर्ष भी इसी माह में अजीत नगर में अंगीठी जलाने से तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। इसलिए इस वर्ष लोग सर्दी में इस बात का खास ध्यान रखें। क्योंकि अंगीठी ंबंद कमरे में जलाने से जहरीली गैसें पैदा होती है।
गैस गीजर का प्रयोग संभलकर करें लोग : डॉ. चौधरी
पटियाला अस्पताल के संचालक और सरकारी अस्पताल के सेवानिवृत हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. युधिष्टर चौधरी से बात करने पर हीटर, ब्लोअर या अंगीठी जलाते समय कमरे को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए। गर्मी से धीरे-धीरे कमरे में उपलब्ध आक्सीजन खत्म हो जाती है। आग जलने से कार्बन मोनोआक्साइड जैसी जहरीली गैस बनती है। इसमें सांस लेने से खून में हीमोग्लोबिन घट जाता है और बेहोशी छाने लगती है। कुछ देर बाद मौत हो जाती है। अगर कमरे में एक से ज्यादा व्यक्ति सो रहे हैं तो ज्यादा देर तक आग न जलाएं। कमरे में जितने ज्यादा लोग होंगे आक्सीजन उतनी तेजी से कम होगी।
बच्चे-बुजुर्गों का सर्दी में रखें खास ख्याल : डॉ. सिंह
सरकारी अस्पताल के सर्जन डॉ. गगनदीप सिंह ने सर्दी से बचने के उपायों के बारे में कहा कि सर्दी के मौसम में बुजुर्गों और बच्चों का खास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि यह मामूली खांसी जुकाम से शुरु होकर नुमोनिया तक पहुंच जाती है। इसके अलावा हृदयरोगी भी ठंड में अपना खास ख्याल रखें। एकदम गर्म तापमान से निकल ठंड में ना जाएं और शरीर को पूरी तरह से ढककर रखें।
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