हनुमानगढ़। जयपुर के न्यायिक कर्मचारी सुभाष मेहरा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले को लेकर आंदोलन की राह पर चल रहे न्यायिक कर्मचारी जयपुर में हुई वार्ता में अधिकांश मांगों पर सहमति बनने के बाद गुरुवार को काम पर लौट आए। 15 दिनों से कार्य बहिष्कार कर रहे न्यायिक कर्मचारियों के हड़ताल स्थगित कर काम पर लौटने से अदालतों में पूर्व की भांति नियमित कामकाज शुरू हो गया। इस कारण पिछले करीब एक पखवाड़े से ठप मुकदमों की सुनवाई का कार्य शुरू होने के साथ कोर्ट में आने वाले पीडि़तों और गवाहों को भी राहत मिली। जेल में बंद बंदियों की सुनवाई का कार्य भी शुरू हो गया।
न्यायिक कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त, 15 दिन बाद लौटे काम पर
राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के रूपेश व्यास ने बताया कि जयपुर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की दो-तीन दिन से उच्चाधिकारियों के साथ वार्ता चल रही थी। बुधवार को हुई वार्ता में करीब सभी मांगों के निस्तारण का उच्चाधिकारियों की ओर से आश्वासन दिया गया। उस आश्वासन के आधार पर कार्यकारिणी ने आंदोलन वापस लेने का निर्णय लिया। इसके बाद 15 दिन बाद अदालतों में कामकाज नियमित रूप से शुरू हो गया है। सभी न्यायिक कर्मचारी अपने-अपने कार्य पर लौट आए हैं। गौरतलब है कि जयपुर के न्यायिक कर्मचारी सुभाष मेहरा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले को लेकर न्एफआईआर दर्ज करवाने और सीबीआई से निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दिलाने की मांग सहित अन्य मांगों को लेकर न्यायिक कर्मचारी 30 नवंबर से सामूहिक अवकाश पर थे। जिला मुख्यालय पर न्यायिक कर्मचारियों की ओर से जिला एवं सेशन न्यायालय परिसर के बाहर धरना दिया जा रहा था।
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