नई दिल्ली। भारत-चीन झड़प को लेकर भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज (Rajnath Singh On Tawang Clash ) दोपहर 12 बजे संसद में बयान देंगे। उधर आज सुबह ही रक्षामंत्री ने आर्मी चीफ मनोज पांडे के साथ इमरजेंसी बैठक की। इस बैठक में रक्षा मंत्री की बैठक में थलसेना अध्यक्ष मनोज पांड के साथ-साथ नेवी चीफ और इंडियन एयरफोर्स के चीफ भी मौजूद रहे। वहीं बताया जा रहा है कि भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को ऐसा सबक सिखाया है कि वो हमेशा याद रखेगी। रिपोर्ट के अनुसार सेना के जवानों ने चीनी सैनिकों की हड्डियां तोड़ दी है। इस झड़प में भारत के 6 सैनिक घायल हुए है और वो गुहावटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
क्या है मामला
सूत्रों ने बताया कि टकराव के बाद दोनों देशों के सैनिक उस क्षेत्र से पीछे हट गए। इस घटना के मद्देनजर तवांग सेक्टर में तैनात भारतीय कमांडर ने शांति और मैत्री का माहौल बनाए रखने के लिए चीन के अपने समकक्ष के साथ निर्धारित व्यवस्था के तहत फ्लैग मीटिंग की।
पहले भी हो चुकी है झड़प
सूत्रों का कहना है कि तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते कुछ क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर दोनों देशों की अलग-अलग अवधारणा है इसे देखते हुए दोनों सेनाओं के सैनिक अपने-अपने दावे के क्षेत्र में कष्ट लगाते हैं और वर्ष 2006 से यह प्रचलन चला रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच करीब ढाई वर्ष पहले पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट गलवांन घाटी में हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। झड़प में चीन की सेना के भी बड़ी संख्या में सैनिक हताहत हुए थे। दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में ढाई वर्ष से भी अधिक समय पहले से सैन्य गतिरोध चला आ रहा है।
चीन की हरकत को लेकर संसद में चर्चा कराए सरकार : खडगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने सीमा पर चीन की उकसावे की कार्रवाई पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा है कि सरकार को इस मुद्दे पर संसद में बहस करानी चाहिए और सभी दलों को विश्वास में लेकर जरुरी कदम उठाने चाहिए। खडगे ने ट्वीट किया, ‘चीन ने भारतीय सेना के जवानों के साथ उकसावे की कार्रवाई की है और हमारे जवानों ने भी करारा जवाब दिया है जिसमें कुछ जवान घायल भी हुए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए कहा,‘राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पूरा देश एक है और इसका हम राजनीतिकरण नहीं करेंगे, लेकिन मोदी सरकार को ईमानदारी से चीनी घुसपैठ और एलएसी पर अप्रैल 2020 के बाद की स्थिति को लेकर मोदी सरकार को ईमानदारी से इस पर संसद में बहस कराके सभी देश को विश्वास में लेना चाहिए। हम अपने जवानों के अतुलनीय शौर्य और बलिदान के हमेशा ऋणी रहेंगे।
चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है | Rajnath Singh On Tawang Clash
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा ‘भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है। सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। पिछले दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है। इससे चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है। देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि को बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं।उत्तरी लद्दाख में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में एलएसी से 15-18 किलोमीटर अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही।अब यह नया चिंताजनक मामला सामने आया है।
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