गांव अमला सिंह वाला में हुए सबसे अधिक मृतक शरीरदान
बरनाला(सच कहूँ/जसवीर सिंह गहल)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की ओर से मानवता सेवा के मकसद के साथ अपनी योग्य नेतृत्व में 147 मानवता भलाई कार्य चलाए हुए हैं। जिनमें से शरीरदान और नेत्रदान मुहिम के जरिए ब्लॉक बरनाला-धनौला के डेरा श्रद्धालु मानवता सेवा में प्रशंसनीय योगदान देकर इंसानियत प्रति विशेष फर्ज निभा रहे हैं। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा ‘जाम-ए-इन्सां गुरू का’ शुरु करके मर रही इंसानियत को फिर से सुर्जित किया गया और सैकड़ों की संख्या में मानवता भलाई कार्य शुरु कर मानवता पर बड़ा परोपकार किया गया। जिसकी बदौलत आज सैकड़ों या हजारों नहीं बल्कि करोड़ों की संख्या में डेरा श्रद्धालु अपने-अपने क्षेत्र में पूज्य गुरु जी द्वारा शुरु किए गए मानवता भलाई कार्यों को अपनी जेब में से खर्च कर दृढ़ता के साथ अंजाम दे रहे हैं।
अगर मानवता भलाई कार्यों की बात की जाए तो उक्त ब्लॉक बरनाला-धनौला की समूह साध-संगत द्वारा अलग-अलग मानवता भलाई कार्यों को अंजाम देने में हमेशा ही अग्रणी स्थान हासिल है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पूज्य गुरु जी की महान शिक्षाओं के तहत ब्लॉक के अलग-अलग गांवों में से पार्थिव शरीरों को जलाने या दफनाने की बजाय मानवता हित मेडिकल रिसर्च के लिए दान की जाती हैं। जिन पर मेडिकल क्षेत्र के साथ संबंधित पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी रिसर्च करके इंसान को लगने वाली बीमारियों के बारे में आगामी जानकारी हासिल करके उनका हल ढूंढेंगे। इसके अलावा ब्लॉक में से कई मृतकों के नेत्र जलाकर राख करने की बजाय किसी कारणवश आंखें गंवा चुके लोगों को दान की जाती हैं।
जिससे कई अंधेरी जिंदगियां रोशन हुई हैं। बता दें कि पूज्य गुरु जी द्वारा उक्त कार्य को शुरु करने समय साध-संगत से लिखित प्रण करवाया गया था, जिसके तहत लगभग समस्त साध-संगत ने न सिर्फ हाथ खड़े करके बल्कि लिखित रुप में अपने मुर्शिद-ए-कामिल के साथ यह वायदा किया था कि वह न सिर्फ अपने बल्कि अन्यों के पार्थिव शरीर भी मेडिकल क्षेत्र के लिए दान करवाएंगे।
11 मृतक शरीर और 4 जोड़ी नेत्रदान
प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्लॉक बरनाला-धनौला के अलग-अलग गांवों में से वर्ष 2022 में कुल 11 मृतक शरीर मेडिकल क्षेत्र के लिए दान किए गए हैं। जिनमें से सबसे अधिक ब्लॉक के गांव अमला सिंह वाला में से अब तक कुल 10 और वर्ष 2022 में 4 शरीरदान करके मेडिकल क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान दिया गया है। इसके अलावा ब्लॉक में से एक वर्ष में 4 जोड़ी नेत्रदान भी दान किए जा चुके हैं।
मृतक शरीर और नेत्रदान बेहद पुनीत कार्य
सिविल सर्जन बरनाला डॉ. जसबीर सिंह औलख ने डेरा सच्चा सौदा के मानवता भलाई कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मृतक शरीर को जलाने या दफनाने की बजाय मेडिकल रिसर्च के लिए दान करना बेहद पुनित कार्य हैं। जिसमें डेरा श्रद्धालुओं का योगदान सराहनीय है। उन्होंने आगे कहा कि एक मृतक की आंखें जलाने या राख करने की बजाय दान करना, उससे भी बड़ा पुन्य का कार्य हैं।
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