- आर-पार की नीति पर उतरे अध्यापक
- ओवरब्रिज जाम, जमकर प्रदर्शन किया
Bathinda, SachKahoon News: लंबे संघर्ष के बावजूद पक्की नौकरी की उम्मीद बंधने से गुस्साए ईजीएस, एसटीआर वालंटियर अब करो या मरो की नीति पर उतर आए हैं और अपने आंदोलन को बेहद तीखा करते हुए जान की बाजी लगाने का जोखिम तक उठाने लगे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को ईजीएस वालंटियर मिनी सचिवालय के पास एकत्र हुए इस दौरान समूह वालंटियरों ने रोष मार्च निकालने व अन्य गुप्त एक्शन के ऐलान से मौके पर उपस्थित पुलिस प्रशासन में हलचल मच गई और वालंटियारों को सिविल अस्पताल के नजदीक रोष प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस बेबस दिखाई दी।
इस दौरान वालंटियरों की एक टीम सिविल अस्पताल के सामने व दूसरा आईटीआई ओवरब्रिज पर रोड़ जाम करते हुए सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों के इन तीखे तेवरों ने पुलिस के लिए परेशानी खड़ी कर दी, वहीं धरना-प्रदर्शन के लिए मुख्य सड़क पर जाम लगने से पब्लिक भी हताश होती दिखाई दी।
इस मौके शहीद किरणजीत कौर ईजीएस, एआईई, एसटीआर वालंटियर गगन अबोहर, कुलबीर, मंगा ने कहा कि बादल सरकार 2003 से उनका शोषण कर रही है। बादल सरकार हर बार केबिनेट की बैठक तो करती है लेकिन उनकी नौकरी संबंधी नोटिफिकेशन जारी नहीं करती। वहीं निशांत कपूरथला का कहना है कि मुख्यमंत्री जब भी हमारी मांगें मानने के लिए सहमति प्रकट करते हैं तो उनके प्रिंसिपल सेक्रेटरी एसके संधू टांग फंसाते हुए यह कहता हैं कि यदि हम आपकी मांगें न माने तो आत्महत्या कर लेंगे। टंकी पर चढ़े वालंटियरों ने चेतावनी दी कि मांगें न माने जाने पर उनकी मौत कीजिम्मेदार पंजाब सरकार होगी। वालंटियरों ने कहा कि 25 नवंबर को मुख्यमंत्री के साथ हुई पैनल मीटिंग में भरोसा दिया गया था कि इस बार कैबिनेट की मीटिंग में प्रस्ताव डालकर रेगुलर पॉलिसी द्वारा स्कूलों में भेज दिया जाएंगा लेकिन 5 दिसंबर की बैठक में सरकार ने कोई प्रस्ताव डालकर वालंटियरों के साथ खिलवाड़ किया है। 5 दिसंबर की कैबिनेट मीटिंग भी पक्के रोजगार का कोई हल पुख्ता हल नहीं किया गया जिस कारण अध्यापकों में रोष है और वह नौकरी के लिए जान की बाजी लगाने को पूरी तैयार हैं। इस अवसर पर जरनैल, बब्बू, लखविंदर, निरलेप, कुलविंदर कौर, बीरबल, सतविंदर कौर, नीलम, बलजीत कौर के अलावा अन्य वालंटियर हाजिर रहे।