भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड (बीबीएमबी) की बैठक में तय हुआ राजस्थान का शेयर
हनुमानगढ़। (सच कहूँ न्यूज) किसानों के लिए राहत की खबर है। इंदिरा गांधी नहर परियोजना की नहरों में दिसम्बर माह में भी चार में से दो समूह में सिंचाई पानी चलेगा। मंगलवार को चंडीगढ़ में हुई भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड (बीबीएमबी) की बैठक में राजस्थान का शेयर निर्धारित किया गया। बैठक में क्षेत्र के किसानों की ओर से गेहूं की बिजाई और सरसों में सिंचाई के लिए रेगुलेशन यथावत रखने की उठाई जा रही मांग पर मुहर लग गई। अब डिमांड के अनुसार पानी मिलने पर आईजीएनपी के लाखों किसानों को लाभ होगा। किसान समय पर फसलों की सिंचाई कर सकेंगे।
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आईजीएनपी सहित राजस्थान की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं में दिसम्बर माह के लिए पानी का शेयर मंगलवार को चंडीगढ़ में हुई बीबीएमबी की बैठक में राजस्थान का प्रतिनिधित्व जल संसाधन उत्तर हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता अमरजीत सिंह मेहरड़ा ने किया। मुख्य अभियंता की ओर से पौंग व भाखड़ा बांध के जल स्तर और किसानों की डिमांड के अनुसार आईजीएनपी में दिसम्बर महीने में भी चार में से दो समूह की नहरें चलाने के लिए पर्याप्त पानी चलाने की डिमांड रखी गई। बीबीएमबी की बैठक में इस पर मोहर लगने के साथ ही किसानों ने राहत की सांस ली। अब किसानों को साढ़े आठ दिन के अंतराल से सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।
बैठक में तय हुए राजस्थान के शेयर के मुताबिक आईजीएनपी में 10500 क्यूसेक, गंगकैनाल में 1800 क्यूसेक, भाखड़ा में 1200 क्यूसेक, सिद्धमुख नोहर परियोजना में 650 क्यूसेक व खारा प्रणाली में 250 क्यूसेक पानी चलेगा। हालांकि मीटिंग से पहले दिसम्बर माह में चार में से दो समूह में सिंचाई पानी चलाने पर आशंकाओं के बादल मंडरा रहे थे। पहले यह दिक्कत सामने आ रही थी कि पंजाब सरकार की ओर से सरहिंद फीडर में 30 नवंबर से बंदी ली जानी प्रस्तावित थी। लेकिन अब बंदी नहीं ली जा रही। बंदी को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। दिसम्बर माह के अंत में बंदी ली जा सकती है। एकबारगी बंदी टलने पर राजस्थान के शेयर में कटौती नहीं की गई।
हो सकेगी गेहूं की बिजाई व सरसों की सिंचाई
किसानों और जनप्रतिनिधियों की ओर से इंदिरा गांधी नहर परियोजना की नहरों में दिसम्बर में भी चार में से दो समूह में सिंचाई पानी चलाने की मांग की जा रही थी। इससे पहले हुई जल परामर्शदात्री समिति की बैठक में हुए निर्णय के अनुसार 8 दिसम्बर से तीन में से एक ग्रुप की नहरें चलाने पर सहमति हुई थी। वर्तमान में गेहूं की बिजाई का काम चल रहा है। सरसों में भी सिंचाई की आवश्यकता है। ऐसे में किसान दिसम्बर में भी आईजीएनपी की नहरों को चार में से दो समूह में चलाने की मांग की जा रही थी। पौंग बांध का जल स्तर 1371 फीट के करीब है।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना को पौंग बांध के जल स्तर के अनुसार ही पानी मिलता है। बांधों के जल स्तर की समीक्षा कर बीबीएमबी की बैठक में सभी राज्यों का शेयर तय किया जाता है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार ड्राइ सीजन में पौंग बांध में अच्छी आवक हुई। इस कारण बांध का जल स्तर अच्छी स्थिति में है। इसी कारण आईजीएनपी के लिए चार में से दो समूह की नहरें चलाने के लिए लगभग 12 हजार क्यूसेक पानी की डिमांड की जा रही थी।
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