सीएम ने किया योजना का शुभारंभ
- जिला मुख्यालय पर कलक्ट्रेट सभागार में मौजूद रहे जिला स्तरीय अधिकारी व जनप्रतिनिधि
हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। राजस्थान के सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को दूध मिलने का इंतजार अब खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को जयपुर स्थित सीएमआर से मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना और मुख्यमंत्री निशुल्क यूनिफॉर्म योजना के वर्चुअल शुरूआत की। इस मौके पर सीएमआर में शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, मुख्य सचिव उषा शर्मा और शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। सभी जिला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर प्रशासनिक अधिकारी वर्चुअल जुड़े।
मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना एवं मुख्यमंत्री निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना का शुभारम्भ समारोह। https://t.co/2nvgbVrJ2r
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 29, 2022
यह कार्यक्रम जिला, ब्लॉक, ग्राम पंचायत मुख्यालय एवं विद्यालय स्तर पर सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से वीसी के जरिए प्रसारित किया गया। हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर कलक्ट्रेट सभागार में जिला प्रमुख कविता मेघवाल, जिला कलक्टर रुक्मणि रियार, पंचायत समिति प्रधान प्रतिनिधि दयाराम जाखड़, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक हंसराज जाजेवाल सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी व जनप्रतिनिधि इन दोनों योजनाओं के वर्चुअल शुभारंभ के दौरान मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना और मुख्यमंत्री निशुल्क यूनिफॉर्म योजना का वर्चुअल शुभारंभ
मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना में मिड-डे-मील योजनान्तर्गत राजकीय विद्यालयों, मदरसों एवं विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों के कक्षा एक से 8 तक के छात्र-छात्राओं को सप्ताह में दो दिवस, मंगलवार एवं शुक्रवार को पाउडर मिल्क से तैयार दूध उपलब्ध कराया जाएगा। कक्षा एक से 5 तक के विद्यार्थियों को 15 ग्राम पाउडर मिल्क से तैयार 150 मिली तैयार दूध एवं कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को 20 ग्राम पाउडर मिल्क से तैयार 200 मिली तैयार दूध-चीनी मिलाकर पीने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
इस योजना में 476.44 करोड़ रुपए व्यय होंगे। वहीं मुख्यमंत्री निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना में कक्षा एक से 8 तक के सभी विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म फैब्रिक को 2 सैट निशुल्क दिए जाएंगे। विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म सिलाई के लिए भी राशि उपलब्ध कराई जाएगी। योजना में 500.10 करोड़ रुपए की राशि व्यय होगी। सरकार का मानना है कि स्कूल में दूध देने की योजना शुरू होने से पहली से आठवीं तक के बच्चों के पोषण के स्तर में सुधार होगा। साथ ही स्कूलों में बच्चों के नामांकन वृद्धि, ठहराव, ड्रॉप आउट भी रुक सकेगा। बता दें कि पूर्ववर्ती सरकार ने स्कूलों में मिड-डे मील योजना शुरू की थी। उस दौरान स्कूलों में ड्रॉप आउट में कमी आई थी।
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