मांगें न माने जाने पर बेमियादी समय के लिए हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी
हनुमानगढ़। (सच कहूँ न्यूज ) दो हजार नई बसों की खरीद, दस हजार कर्मचारियों की भर्ती, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बकाया भुगतान सहित 21 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे रोडवेज कर्मचारियों का दो दिवसीय धरना बुधवार तक चला। आठवें चरण के तहत रोडवेज कर्मचारियों ने जंक्शन स्थित राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम कार्यालय के समक्ष मंगलवार को 24 घंटे का धरना शुरू किया था। धरने पर बैठे रोडवेज कर्मचारियों ने मांगों को लेकर सरकार की ओर से कोई सकारात्मक रूख नहीं अपनाए जाने के विरोध में गुरुवार को नौवें चरण के तहत 24 घंटे तक रोडवेज बसों का चक्काजाम रखने की घोषणा की। यह हड़ताल रात्रि 12 बजे से शुरू हो जाएगी। धरनास्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के पदचिह्नों पर चल रही वर्तमान गहलोत सरकार ने न तो रोडवेज को पर्याप्त नई बसें दी और न ही नई भर्ती की।
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प्रदेश सरकार ने मांगों को लेकर हुई वार्ता में आश्वासन तो दिया है लेकिन लागू नहीं किया जा रहा। इस कारण रोडवेज कर्मचारियों को आंदोलन की राह पकडऩी पड़ी है। उन्होंने बताया कि राजस्थान रोडवेज के संयुक्त मोर्चा के बैनर तले 20 सितम्बर से नौ चरणों में आंदोलन चल रहे हैं। आंदोलन के आठवें चरण के तहत दो दिन का धरना दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में रोडवेज के हालात इतने खराब हो गए हैं कि जहां रोडवेज में साढ़े चार हजार बसें हुआ करती थी, वहां आज रोडवेज के बेड़े में ढाई हजार बसें रह गई हैं। इनमें से भी आधी गाडिय़ां दिसम्बर में कंडम हो जाएंगी। रोडवेज में कर्मचारी काफी थे, आज रोडवेज में दस हजार कर्मचारियों की कमी है। रोडवेज बसों को चलाने के लिए न तो चालक-परिचालक है और न ही कार्यालय में काम करने के लिए बाबू है। रोडवेज बसों को ठीक करने के लिए मैकेनिक भी नहीं है। रोडवेज के सेवानिवृत कर्मचारियों को आठ-नौ माह के बाद भी परिलाभ का भुगतान नहीं हुआ।
रोडवेज में कार्य करने वाले कर्मचारियों की स्थिति यह है कि एक तारीख को मिलने वाला वेतन दो-दो, तीन-तीन माह बाद मिल रहा है। सेवानिवृत कर्मचारियों को दो-तीन माह बाद पेंशन मिल रही है। उन्होंने कहा कि अब तक आठ चरणों में हुए आंदोलन के बावजूद सरकार टस से मस नहीं हुई। सरकार को जगाने के लिए 23 नवंबर की रात्रि की समाप्ति यानि 24 नवंबर शुरू होने पर 24 घंटे के लिए रोडवेज का चक्काजाम किया जाएगा। इसके बाद भी सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो संयुक्त मोर्चा को बेमियादी समय के लिए रोडवेज की हड़ताल करने का निर्णय लेने को मजबूर होना पड़ेगा। इस मौके पर देवदत्त स्वामी, नायबसिंह, ताराचंद, सतवीर गोस्वामी, गगनदीप शर्मा, पृथ्वी महला सहित कई रोडवेज कर्मचारी मौजूद थे।
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