रोडवेज कर्मचारियों का ढोल बजाओ, सरकार जगाओ कार्यक्रम आयोजित
हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। रोडवेज के बेड़े में नई बसें शामिल करने व कर्मचारियों की भर्ती करने की मुख्य मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे रोडवेज कर्मचारियों ने शनिवार को सातवें चरण के तहत जंक्शन स्थित राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम कार्यालय के समक्ष ढोल बजाओ, सरकार जगाओ कार्यक्रम आयोजित किया। रोडवेज कर्मचारियों ने ढोल बजवाकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मांगें न माने जाने पर 24 नवंबर को रोडवेज का चक्काजाम करने की चेतावनी दी। इस मौके पर राजस्थान स्टेट रोडवेज एम्पलाइज यूनियन एटक के संगठन सचिव नायबसिंह ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर राजस्थान रोडवेज के कर्मचारियों की ओर से नौ चरण में आंदोलन किया जा रहा है। सातवें चरण के तहत शनिवार को ढोल बजाओ सरकार जगाओ प्रदर्शन किया गया।
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इससे पहले 17 नवंबर को जयपुर में कर्मचारियों की ओर से रैली भी निकाली गई लेकिन सरकार टस से मस नहीं हुई। रोडवेज कर्मचारियों की खुद की मांग कम और रोडवेज को बचाने की अधिक है। रोडवेज की नई बसें खरीदने, कर्मचारियों की भर्ती करने आदि मुख्य मांगों में शामिल है। इसके अलावा कर्मचारियों की ओर से उन्हें समय पर वेतन देने की मांग की जा रही है। परंतु उनकी मांग का समाधान करने के लिए कोई सरकार गंभीर नजर नहीं आई। समझौता कर मुकरना सरकारों की नीति बन चुकी है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने भी रोडवेज कर्मचारियों से समझौता किया लेकिन तब भी धोखा हुआ। वर्तमान कांग्रेस सरकार के साथ भी समझौता हुआ। बकायदा घोषणा पत्र में रोडवेज कर्मचारियों की मांगें रखकर उन्हें पूरा करने की बात कही गई। पिछले दिनों हुए आंदोलन के समय मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाकर कुछ मांगें पूरी करवा दी। शेष मांगें भी माने जाने के लिए आश्वस्त किया। तब रोडवेज कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित कर दी। अब भी सरकार कह रही है कि हड़ताल न करें। आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने रेस्मा लागू कर दिया है।
ऐसी रेस्मा पूर्व में भी लागू हुई लेकिन कर्मचारी पीछे नहीं हटे और अब भी पीछे नहीं हटेंगे। पूर्व घोषणानुसार 24 नवंबर को रोडवेज बसों का चक्काजाम किया जाएगा। महादेव जोशी ने कहा कि राज्य सरकार ने रोडवेज को आवश्यक सेवा घोषित कर दिया है। सरकार रोडवेज कर्मचारियों के आंदोलन से इतना घबरा गई है कि अगर कल को रोडवेज का चक्काजाम होगा तो यात्री परेशान होंगे। लेकिन सरकार रोडवेज कर्मचारियों की मांगें मानने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन रोडवेज कर्मचारी भी पीछे नहीं हटने वाले। 22-23 नवंबर को लगातार 24 घंटे के लिए दिन-रात धरना दिया जाएगा। 23 नवंबर की रात्रि की समाप्ति यानि 24 नवंबर शुरू होने पर 24 घंटे के लिए रोडवेज का चक्काजाम किया जाएगा। इसके बाद भी सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों की 13 सूत्री समस्याओं का समाधान नहीं किया तो संयुक्त मोर्चा को बेमियादी समय के लिए रोडवेज की हड़ताल करने का निर्णय लेने को मजबूर होना पड़ेगा। इस मौके पर सीटू अध्यक्ष सतवीर गोस्वामी सहित कई कर्मचारी मौजूद थे।
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