बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से साध-संगत के सवालों के रूहानी जवाब दिए। आइयें पढ़ते हैं पूज्य गुरु जी के सवालों के जवाब…
सवाल: गुरु जी सुनारिया में आप जी खेती करते हो, आप जी ने कोई वहां पर सब्जी उगाई हो और वहां के लोगों को खाने का मौका मिला हो उस क्षण के बारे में बताओ।
पूज्य गुरु जी का जवाब: वहां पे हम खेती बाडी करते है, सब्जी भी होती है और वहीं पे लंगर जैसे यहां लंगर होता है, वहां के लोगों के लिए भोजन बनता है सारा तो उसमें वो चली जाती है, सब लोग उसी तरह से ये लंगर खाते हैं, तो उस तरह से वो सब्जी वैगेराह या जो भी, खेती बाडी का शौक है तो वहां ये कर्म करते रहते हैं।
सवाल: गुरु जी इतिहास रहा है कि गुरु पीर फकीर को ही हमेशा मुसीबतों का सामना करना पड़ता है, जो खुद हमेशा सारी सृष्टि का भला करते रहते हैं, ऐसा क्यों होता है।
पूज्य गुरु जी का जवाब: बेटा ये ओरों का तो हम कह नहीं सकते सतगुरु मौला के खेल है, जैसे वो खिलाता है वैसे फकीर चलते रहते हैं क्योंकि फकीर अगर रजा में राजी नहीं रहेगा, तो उसके शिष्य उसके भक्त उसके रजा में राजी कैसे रहेंगे तो इसलिए संत पीर फकीर अपने ओम, हरि, अल्लाह वाहेगुरु सतगुरु मौला के रजा को टालते नहीं और बाकी सुमिरन करे, सेवा करते रहे और जरूर मालिक सुनता है और जरूर सुनेगा।
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