चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने गन हाउस अर्थात सभी लाइसेंसी शस्त्र निमार्ताओं और विक्रेताओं की सभी दुकानों, परिसरों और स्टॉक की तिमाही समीक्षा अनिवार्य करने के शुक्रवार को निर्देश जारी किये। डीजीपी ने यह निर्देश सभी पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को जारी किये और कहा कि सभी लाइसेंस धारी शस्त्र निमार्ताओं और विक्रेताओं की दुकानों, परिसरों और स्टॉक की समीक्षा अनिवार्य तौर पर हर तीन माह पर की जाए। उल्लेखनीय है कि पंजाब की आबादी देश की आबादी की दो फीसदी है, लेकिन यहां लाइसेंसी हथियार कुल लाइसेंसी हथियारों का 10 फीसदी यानी लगभग चार लाख हैं। दूसरे शब्दों में, पंजाब में हर हजार व्यक्तियों पर 13 बंदूक लाइसेंस हैं।
यह भी पढ़ें:– श्रद्धा हत्याकांड में दिल्ली पुलिस ने गुरुग्राम में तलाशे सबूत
क्या है मामला:
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से और उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में अवैध हथियार आते हैं। पुलिस के अनुसार हथियार अवैध होते हैं लेकिन गोलाबारूद अधिकतर स्थानीय गन हाउस से आता है। यादव ने कहा कि राजपत्रित पुलिस अधिकारियों को इन गन हाउस की नियमित जांच करनी होगी ताकि लाइसेंसी हथियारों के दुरुपयोग और गोलाबारूद की लीकेज को रोका जा सके। उल्लेखनीय है कि हाल में पहले शिवसेना नेता सुधीर सूरी और फिर डेरा अनुयायी प्रदीप सिंह की हत्या के बाद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने ह्यगन कल्चरह्य पर लगाम लगाने के लिए नये लाइसेंसी हथियार जारी करने पर तीन महीने तक रोक लगाने, पहले से जारी लाइसेंस की समीक्षा, हथियारों के सोशल मीडिया समेत सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक लगाने, घृणा बयानों पर रोक लगाने की घोषणा की थी।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।