मोदी बाइडेन ने टिकाऊ, समावेशी विकास पर चर्चा की: व्हाइट हाउस
बाली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर स्थायी और समावेशी विकास को बढ़ाने के लिए प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाये जाने पर चर्चा की। व्हाइट हाउस ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन बाली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ मुलाकात की। बयान में कहा गया है कि इस मुलाकात के दौरान इन नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच जी 20 के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
An eventful day at the G20 Summit in Bali. Sharing the day’s highlights… pic.twitter.com/xsNrrmmleV
— Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2022
बयान के अनुसार बैठक के दौरान इन नेताओं ने महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए सतत और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने के लिए अपनी सामूहिक क्षमता, जलवायु, ऊर्जा और खाद्य संकट से निपटने, वैश्विक स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करने और तकनीकी परिवर्तन को बढ़ावा देना दिये जाने को लेकर चर्चा की।
With G-20 leaders at the Mangrove Forest in Bali. @g20org pic.twitter.com/D5L5A1B72e
— Narendra Modi (@narendramodi) November 16, 2022
गरीबी और एसडीजी प्राप्त करने जैसी चुनौती
राष्ट्रपति बाइडेन ने महामारी की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया में अंतराल को कम करने, विश्व बैंक (महामारी कोष) द्वारा आयोजित महामारी पीपीआर के लिए वित्तीय मध्यस्थ कोष (एफआईएफ) शुरू करने को लेकर दुनिया भर के देशों को प्रेरित किये जाने को लेकर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति विडोडो के नेतृत्व को बधाई दी। व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया है कि इस सफलता ने भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान ठोस स्वास्थ्य-वित्त सहयोग को आगे बढ़ाने की नींव रखी है।
बैठक में बाइडेन ने कहा कि अमेरिका जलवायु परिवर्तन, महामारी, आर्थिकमंदी, गरीबी और एसडीजी प्राप्त करने जैसी चुनौतियों का समाधान हेतू बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों के लिए बेहतर और अभिनव वित्तपोषण मॉडल विकसित करने, समावेशी विकास, आर्थिक सुरक्षा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए जी20 के वैश्विक नेतृत्व का समर्थन जारी रहेगा। इस दौरान बुनियादी ढांचे के अंतर को पाटने के लिए सार्वजनिक और निजी वित्तपोषण का लाभ उठाने के महत्व पर भी चर्चा की गई।
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