महाराष्ट्र की साध-संगत ने पुरातन संस्कृति को कर दिया जिंदा
- ‘‘जो बनाते हैं इंसान ही इंसान, ऐसे सतगुरु को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम’’
सांगली (सच कहूँ न्यूज)। रविवार को नामचर्चा घर आटपाडी, सांगली (महाराष्ट्र) की समस्त साध-संगत से पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां आनलाइन गुरुकुल के माध्यम से रूबरू हुए। इस मौके पर सर्व प्रथम जिम्मेवारों, सेवादारों व साध-संगत ने पूज्य गुरु जी को डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार माह की बधाई दी। आनलाइन गुरुकुल कार्यक्रम के दौरान पूज्य गुरु जी द्वारा चलाई गई भारतीय परपंरा व सांस्कृति बचाने की मुहिम की झलक भी देखने को मिली।
इस दौरान कलाकारों ने महाराष्ट्र का लोकनृत्य व पुरातन संस्कृति पर आधारित एक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। महाराष्टÑ की वेशभूषा में सजे कलाकारों ने वाद्य यंत्रों की सुरीली आवाज पर मनमोहक प्रस्तुति दी। जिसे पूज्य गुरु जी ने खूब सराहा। इस दौरान सेवादारों ने पूज्य गुरु जी द्वारा चलाई गई नशों के खिलाफ मुहिम के तहत एक रंगोली भी बनाई, जो समाज से नशा खत्म करने का संदेश देती नजर आई। रंगोली को देखकर पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हमने कल ही कहा था, और आप ने बना भी दी। पूज्य गुरु जी ने इस दौरान रंगोली बनाने वाले सेवादार को आशीर्वाद से नवाजा।
बहनों ने कुछ यूं ब्यां की अपनी भावनाएं
पूज्य गुरु जी से रूबरू होते हुए बहनों ने शब्दों में अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि ‘‘ जिन को हर व्यक्ति देता है सम्मान, जो करते हैं हर एक निर्माण, जो बनाते हैं इंसान ही इंसान, ऐसे सतगुरु को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम’’। जिस पर पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि जी बेटा! हमें भी हैं अपनी बेटियों पर है बहुत मान, और मालिक करें बढ़े आपका मान-सम्मान।
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