दरभंगा। बिहार में नशों के खिलाफ कुछ जागरूक नागरिकों के प्रयास सबके लिए प्रेरणास्रोत बन रहे हैं। दरभंगा जिले के एक गाँव ने शराबियों पर जुर्माना लगाकर विकास की नई मिसाल पेश की है। कुछ ही दिनों में हजारों रूपए जुर्माना वसूलकर जहां सड़कों की हालत सुधारी। वहीं नशों के खिलाफ लोगों को जागरूक भी किया। दरअसल कुश्वेश्वरस्थान के सुघराईन में शराबबंदी अभियान को सफल बनाने के लिए सरपंच योगी मुखिया ने स्थानीय वकील राहुल कुमार की अगुवाई में ग्रामीणों ने शराबबंदी के नियम तोड़ने के लिए जुर्माना तय किया है। नियमों का पालन हो रहा है या नहीं इस पर नजर रखने के लिए कमेटी बनाई गई है। ग्रामीण लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। यहां शराब बनाने, उसे बेचने और शराब पीने के लिए जुर्माना तय किया गया हे। जुर्माने की राश से गाँव में विकास से जुड़े जरूरी काम किए जाते हैं।
इन कठिन नियमों को लागू करने के लिए सरपंच की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इसमें तय हुआ था कि शराब बनाते हुए पकड़े जाने पर 11000 रुपये, बाहर से लाकर बेचने पर 51000 रुपये और शराब का सेवन करते हुए पकड़े जाने पर 5100 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। पंचायत द्वारा बनाई गई कमेटी सख्ती से नियम पालन करवाती है। इसके अलावा रोजाना ग्रामीण जुलूस निकाल कर लोगों को शराब से दूर रहने के लिए जागरूक कर रहे हैं। अभियान में शामिल ग्रामीणों ने बताया कि बीते 8 अक्तूबर से स्थानीय स्तर पर ये नियम लागू किए गए थे। तब से अब तक 26300 रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले गए हैं। इस फंड से बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई दो सड़कों को बेहतर किया गया है ताकि उन पर गाड़ियां दौड़ सकें। एक अन्य सड़क पर भी सुधार से जुड़े काम किए जा रहे हैं।
महिलाएं भी आई आगे
शराबबंदी के समर्थन में ग्रामीणों के जुलूस में महिलाएं भी शामिल होती है। इसके अलावा हर वर्ग व धर्म के लोग भी जुलूस में हिस्सा ले रहे हैं।
आठ माह बारिश और बाढ़ में घिरे रहते हैं
सुघराईन में शराबबंदी प्रभावी नहीं हो रही थी। इसकी बड़ी वजह यह है कि साल के 8 महीने यहां लोग बाढ़ बारिश से घिरे रहते हैं। न तो समय से पुलिस पहुंच पाती है और न अधिकारी। इससे यहां शराब बनाना, बिक्री करना और उसका सेवन जैसे काम किबना किसी के डर के होने लगे।
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