मुंबई (एजेंसी)। अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दरों में एक बार फिर (stoke market) 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने और चीन के कोविड नियमों में ढील देने की उम्मीद से बीते सप्ताह 1.65 प्रतिशत की तेजी में रहे घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह अक्टूबर की खुदरा महंगाई, कपंनियों के तिमाही परिणाम और निवेशकों की निवेश धारणा का असर रहेगा। बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 990.51 अंक की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 60 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 60950.36 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 342.65 अंक चढ़कर 18 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर 18129.45 अंक पर रहा।
इनका असर बाजार पर देखा जा सकेगा
समीक्षाधीन सप्ताह बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी लिवाली हुई। सप्ताहांत पर मिडकैप 599.73 अंक उछलकर 25647.07 अंक और स्मॉलकैप 418.67 अंक चढ़कर 29107.24 अंक पर रहा। विश्लेषकों के अनुसार, अगले सप्ताह अक्टूबर की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी होने वाले हैं। इसके साथ ही बीपीसीएल, कोल इंडिया, इंडिया सीमेंट, एमआरएफ, ल्यूपिन, टाटा मोटर्स, एनएचपीसी, ओआईएल, सेल, सुजलॉन, भेल और महिंद्रा एंड महिंद्रा समेत कई दिग्गज कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के परिणाम भी आएंगे। इनका असर बाजार पर देखा जा सकेगा।
घरेलू संस्थागत निवेशकों की निवेश धारणा कमजोर रही
इसी तरह अगले सप्ताह निवेशकों की निवेश धारणा की भी बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। नवंबर में अबतक विदेशी संस्थागत निवेश्कों (एफआईआई) 46080.70 करोड़ रुपये लिवाली जबकि 39920.59 करोड़ रुपये की बिकवाली की है, जिससे उनका शुद्ध निवेश 6160.11 करोड़ रुपये रहा है। वहीं, इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की निवेश धारणा कमजोर रही है। उन्होंने बाजार में 22625.39 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि 26014.35 करोड़ रुपये निकाल लिए, जिससे वह 3388.96 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे।
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