सिरसा हो या सुनारिया सुर्खियां उनका दामन कभी नहीं छोड़ती। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (Saint Dr. MSG) का अंदाज, पहनावा, गीत, गाड़ी, डांस, फिल्म,सेवा के काम,भक्तों की भक्ति, साहस और शक्ति, सजा, जेल सदा ही मीडिया के आकर्षण का मसाला और मसला रही है। पूज्य गुरु जी का दरबार आॅनलाइन सत्संग इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है रिमोट के सहारे भक्तो का सैलाब पूरे देश में एक जुट कर पूज्य गुरु जी ने आॅनलाइन गुरुकुल की जो शुरूआत की है उससे कोई आंखें फेर ही नहीं सकता। बैठे-बैठे लाखों लोगों को प्रतिदिन सत्संग सुनाना, हजारों को रोज डेरा सच्चा सौदा से जोड़ना, पूज्य गुरु जी की लोकप्रियता, दीवानगी, आस्था स्वीकार्यता का स्वरूप बन देश दुनिया सबके सामने है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री के गृह जिले करनाल की मेयर पूज्य गुरु जी के सत्संग में पहुंच हाजिरी लगाना, आभार जताना, स्वच्छता अभियान दुबारा शुरू करने का निमंत्रण देना और दर्शन को सौभाग्य बता गौरवान्वित होने की तस्वीरें खबरिया चैनेल की सुर्खियां डिबेट का हिस्सा बन रही है। जाने अनजाने पूज्य गुरु जी की ताकत का प्रचार करने पूरी ऊर्जा के साथ जुट गई है। उनकी कोशिश भले ही गुरु जी को बदनाम करने की हो ही क्यों ना हो, मजबूरी ही सही पर उन्हें वो सब दिखाना पड़ रहा है जिससे मीडिया बरसो तक कतराती रही, बचती और छुपाती रही है। भक्तों की भीड़, खचाखच भरे पंडाल, सेवा में जुड़े हाथ, झूमती गाती दीवानों की टोली, हाथ जोड़े खड़े नेताओ की कतार, नए शिष्य बनने गुरु दीक्षा लेने आये लाखो नर नारियों की तस्वीरें भी मीडिया को मन मार के ही सही अपनी स्क्रीन पर सजानी ही पड़ रही हैं, न चाह कर भी आॅनलाइन सत्संग का जलवा दिखाना ही पड़ रहा है।
इन दिनो पूज्य गुरु जी का दरबार उत्तरप्रदेश में बरनावा में सजा हुआ है, जहाँ से अनावरत बिना रुके बिना थके 24 घंटे में से 20 घंटे संगत के नाम करने वाले पूज्य गुरु जी ने समय को ऐसा साधा है, मानो 40 दिन की पैरोल में 40 महीने का काम निपटाने की बेताबी है। इंटरनेट के माध्यम से देश-विदेश के भक्तों से जुड़ना, उनकी बाते सुनना, समझना, उनके सवालों के जवाब देना, बहते आंसू पोछ मुस्कान की सौगात देना। डेरा के विकास, देश भर में नए डेरा केंद्र बनाने की योजना, सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे विद्यालय, महाविद्यालय, अस्पताल की टीम से मिलना, संचालन के समस्याओं को सुनना सलाह देना आधुनिक और मानवता से भरी शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार में बढ़ चढ़ कर भाग लेने की राह दिखाना।
डेरा सच्चा सिरसा में निर्मित खेल गांव में रह खेल की बारीकियां सीख सोना चांदी जीत देश का नाम रोशन करने वाले सैकड़ो खिलाड़ियों के बीच में उनकी उपलब्धि का जायजा लेना और आगे बढ़ने, देश का मान बढ़ाने के लिए प्रेरित कर तिरंगे को सम्मान देने की बात समझाना। अपनी जान झोंक मौत से मुंह से जिंदगी बचाने वाले शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादारों की टीम को समय देना, उनके साहस, हौसलों की सराहना करना और समाज की सेवा देश के लिए सर्वस्व निछावर करने की ली गई प्रतिज्ञा को याद दिलाना। दूरदराज देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं में श्रद्धा भाव को उचित मान दे हाथ जोड़ मुस्कुराते हुए सबके बीच आना। समस्या सुनना, सत्य समझना और समझाना यह सिलसिला जो प्रतिदिन प्रात: छ: बजे से शुरू होता है रात को जब घड़ी घूम कर दो पर आ टिकती है तभी थमता है।
महज चार घंटे के अलप समय मे शयन, विश्राम, सुमिरन, साधना कुछ स्वयं का समय स्वयं को दे पूज्य गुरु जी फिर उसी दिनचर्या में लग जाते हैं जो अगले बीस घंटे बेरोकटोक, बेधड़क, बेबाक अंदाज से चलती हैं। ऐसे में मीडिया की डुगडुगी से बेखबर खबर पूज्य गुरु जी का इस बुलंद अंदाज में डंका बजाना कई सवालों को जन्म देता मालूम होता है। पिछली बार भी पूज्य गुरु जी जब 30 दिन के लिए पैरोल पर आए थे तब भी 15 लाख नए लोगों को गुरु दीक्षा दे डेरा सच्चा सौदा के करोड़ों भक्तों के कारवां में शुमार किया था। ऐसे में पचास हजार नए लोगों को अपने साथ प्रतिदिन जोड़ने वाले शख्स को खबरिया गिरगिट किसी भी रूप में अपने पर्दो पर प्रस्तुत करें क्या फर्क पड़ता है जब तस्वीरे चीख चीख कर सच बता रही होती है तो कर के चिल्ला चिल्ला कर कुछ और सुनाने से आखिर क्या होगा?
मीडिया के इस मायाजाल से न तो पूज्य गुरु जी को फर्क पड़ता है और न ही अब उनके भक्तों को, न कतार में लग आशीर्वाद पाने की जुगत जुटाने में मशगूल नेताओ को और ना ही गुरु दीक्षा ले सच्चा सौदा से प्रतिदिन जुड़ने वाले लाखो नए लोगो को। मीडिया के तमाम सूत्रों से सिमटी खबरों का जाल बिछाने के बाद भी अगर गुरु जी के दरबार मे हैट दल हर सरकार, हर स्तर के नेताओं का तांता लगा है, भक्तो की भीड़ बढ़ती ही जा रही है, करवा थमने का नाम ही नहींं ले रहा है तो सोचना तो पड़ेगा ही क्यो? ये पूज्य गुरु जी का जादू है, जुनून है, भक्तो की आस्था भक्ति को ज्वार या सच की शक्ति है। जिसका भरोसा कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। राम रहीम के बारे में मीडिया कुछ भी कहे पर एक पहलू तो ये भी है कि ये डुगडुगी राम रहीम के डंके के आगे कही सुनाई नहीं से रही।
लेखक:- पंडित संदीप मिश्रा
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