आज बेटियां भी नहीं कम, कर सकती है भाई की रक्षा : पूज्य गुरु जी

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पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने दी भाई दूज की बधाई

 कहा, बहन-भाई एक-दूसरे को करें अच्छे कर्मों के लिए उत्साहित

बरनावा। पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां बुधवार को ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से जुड़ी देश-विदेश की साध-संगत को भैया दूज, भाई दूज की बधाई दी। उत्तर प्रदेश के जिला बागपत स्थित शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा से पूज्य गुरु जी ने ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से समस्त साध-संगत को भैया दूज की मुबारकबाद देते हुए कहा कि बहन-भाई का रिश्ता एक स्वच्छ रिश्ता होना चाहिए। हमारी जो संस्कृति है उसके अनुसार बहन की रक्षा के लिए रक्षाबंधन का त्योहार भी आता है। लेकिन आजकल बेटियां भी कम नहीं है। वो भाई की भी रक्षा कर सकती है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि बहन-भाई दोनों ने एक-दूसरे के लिए स्वस्थ रिश्ता रखते हुए सिर्फ रक्षा ही नहीं करनी बल्कि एक-दूसरे को अच्छे कर्मों के लिए उत्साहित करें। साथ में आगे बढ़ने के लिए और घर में खुशियां लाने के लिए भी प्रेरित करें। पूज्य गुरु जी ने कहा कि आज त्योहारों का समय चल रहा है। अगर इन त्योहारों में मनुष्य राम-नाम को जोड़ ले, तो खुशियां दोगुणी-चौगुणी हो जाएगी।

 सूरज डूबने से पहले खाना चाहिए खाना

पूज्य गुरु जी ने भजन जाग जा रे भाई जाग जा, राम भजन में लाग जा… पर व्याख्या करते हुए कहा कि इन्सान के जागने का और सोने का समय हमारे पाक-पवित्र धर्मो में निर्धारित किया हुआ है। पूज्य गुरु जी ने पाक-पवित्र धर्मो में निर्धारित किए गए समय का पालन करने और पालन नहीं करने से होने वाले फायदे-नुकसान के बारे में समझाते हुए फरमाया कि धर्मो के सभी पाक-पवित्र ग्रंथों के अनुसार शाम का खाना सूरज के रहते-रहते खा लेना चाहिए, जोकि बहुत ही बढियां है या फिर जब सूरज छिप रहा या डूब रहा है, अगर उस टाइम भी खाना खा लेते हो तो भी बढ़िया है। पूज्य गुरू जी ने आगे कहा कि मनुष्य जितना लेट नाइट खाना खाता है, उस समय उतने ही बैक्टीरिया वायरस की गिनती बढ़ जाती है और हर कोर के साथ वायरस इन्सान के शरीर में प्रवेश कर जाते है, यह धर्मो का मानना है। वहीं विज्ञान भी कहीं न कहीं इन चीजों को मानती है। विज्ञान कहती है कि सूरज की रोशनी में बैक्टीरिया वायरस छुपे होते हैं, क्योंकि सूरज का ताप इतना ज्यादा होता है, जिसमें वायरस मृतप्राय हो जाते है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि हमारे धर्मों में संत-पीर फकीरों ने रिसर्च करके यह बात बहुत पहले ही बता दी थी, जिसे आज विज्ञान फोलो कर रही है। विज्ञान का मानना है कि सूरज के डूबते ही अंधकार होता है और प्रकाश की शक्ति नहीं होती। जिससे बैक्टीरिया वायरस जाग उठते है यानी सक्रिय हो जाते है। खाने का समय धर्मो के अनुसार भी और अगर धर्म की बात करें तो विज्ञान भी कहीं न कहीं उसे फोलो कर रही है। इसलिए अगर सही समय पर खाना खाया जाए तो बहुत सी बिमारियों से बचा जा सकता है और हो सकता है जो मनुष्य के दिमाग में बहुत सारी टैंशन आ जाती है, सही समय पर खाना खाने से उससे बचा जा सकता है।

छाया: सुशील कुमार

 खाने के दो-अढ़ाई घंटे बाद करें आधा घंटा प्रभु के नाम का सिमरन

पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि धर्म कहते है कि खाने के दो-अढ़ाई घंटे बाद आधा घंटा प्रभु के नाम का सिमरन करना चाहिए। ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब की भक्ति इबादत करनी चाहिए। क्यूं, क्या सिर्फ भक्ति इबादत के लिए ही ये समय ठीक है, जी नहीं, बहुत रहस्य छुपा है इस दो अढ़ाई घंटे की बात में। मतलब खाने के कम से कम दो अढा़ई घंटे बाद आप सोए ना। इस दौरान अगर आप घूमते-फिरते रहेंगे तो आप का खाना अच्छे से हजम हो जाएगा। साथ में सुमिरन से आपकी भक्ति तो बनेगी ही, साथ में नींद भी अच्छी आएगी। विज्ञान भी यह कहती है कि खाने के तुरंत बाद लेटना नहीं चाहिए। पूज्य गुरु जी ने कहा कि आयुर्वेदा में भी हमने इसके बारे में पढ़ा है। विज्ञान कहती है कि अगर इन्सान को नींद नहीं आती तो उसे काउंटिंग करनी चाहिए, लेकिन काउंटिंग करने से इन्सान को मिलेगा कुछ नहीं। मगर इसी दौरान इन्सान भगवान के नाम का सुमिरन कर लें तो उसे नींद भी अच्छी आएगी और हो सकता है मालिक सपने में कोई कर्म भी काट दें और दर्द-दीदार दे दें। पूज्य गुरु जी ने कहा कि विज्ञान धर्मों को फोलो तो कर रही है, पर थोड़ा अलग तरह से। जबकि धर्म सही बात बता रहे है। इसलिए रात को जल्दी सोने से फायदा है। हिंदु धर्म में लिखा है कि सुबह सवेरे 2 से 5 बजे का जो समय होता है वह ब्रह्म मुहूर्त है। इस समय को इस्लाम धर्म में बांगे वक्त फर्ज, इबादत वक्त का नाम दिया गया है। सिख धर्म में अमृत वेला बताया गया है जबकि ईसाई धर्म में प्रेयर आफ गॉड्स टाइम कहा गया है। यानी भाषा बदल गई, कहने का अदांज बदल गया, लेकिन सभी का मतलब एक ही है। नासा साइंस के अंदर विज्ञान भी इस समय के बारे में कहती है कि अर्ली मॉर्निंग में ऑक्सीजन भी मोर एंड प्योर होती है यानी सुबह 2 से 5 का जो समय होता है उसमें आक्सीजन भी ज्यादा और शुद्ध होती है। इस समय के दौरान प्रभु के नाम का सिमरन करते है तो इन्सान को जो टैंशन है वो भी दूर होगी और बॉडी भी स्वस्थ महसूस करेगी। वहीं धर्मो में इसके बारे में लिखा है कि इस समय के दौरान जब प्रभु के नाम का लगातार जाप करते है तो इससे इन्सान के गम, दुख, दर्द, परेशानी, चिंता, टैंशन कम होगी, दूर होगी। इसके अलावा इन्सान दोनों जहान की खुशियों का हकदार बनेगा और अगर सुन समाधि लगने लग जाए तो भगवान के भी प्रत्यक्ष दर्शन हो सकते है।

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