पंजाब के सांस्कृति कार्यक्रम ने जीता पूज्य गुरु जी का दिल
बेव डेस्क-विजय शर्मा
बरनावा/सरसा। भारतीय संस्कृति को बचाने व पुरातन परांपरा को फिर से जीवित करने के उद्देश्य से डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने जिस मुहिम का आगाज किया है, उसकी झलक बरनावा आश्रम (उतर प्रदेश) से आनलाइन रूबरू कार्यक्रम (Online Spiritual Discourse from Barnawa ashram) के दौरान शाह सतनाम जी नूरानी धाम, जिला पटियाला (पंजाब) में देखने को मिली। इस दौरान पूज्य गुरु जी का स्वागत करते हुए पंजाब की साध-संगत द्वारा प्रस्तुत किये गए एक मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम ने पूज्य गुरु जी व आनलाइन कार्यक्रम से जुड़े करोड़ों लोगों का दिल जीत लिया। आनलाइन रूबरू कार्यक्रम के दौरान पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने साध-संगत को अपनी रहमतों का पावन आशीर्वाद बख्शते हुए साध-संगत के सांस्कृति कार्यक्रम की भरपूर सराहना की।
पंजाबी वेशभूषा में सजी बहनों ने प्रस्तुत की पुरातन सांस्कृति
सांस्कृति कार्यक्रम में पंजाबी वेशभूषा में सजी बहनों ने पुरातन सांस्कृति को जीवित करते हुए मनमोहक प्रस्तुति दी। जिसमें कुंडी सोटा से चटनी बनाने का दृश्य, चरखा, मथानी से मक्खन निकालना, हाथ से तैयार किया गया
आकर्षित पंखा, जलते हुए दीप, रंगोली, लोकप्रिय लोक नृत्य गिददा देखने को मिला। पंजाब की साध-संगत द्वारा प्रस्तुत किये गए कार्यक्रम की सराहना करते हुए पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हमने जागो कई बार देखी है लेकिन पंजाब की साध-संगत द्वारा जो ये कल्चरल प्रोग्राम प्रस्तुत किया गया है वो काबिले तारिफ हैं। साध-संगत ने कमाल कर रखा है।
एक दिन पुराना समय लौट कर जरूर वापिस आएगा: पूज्य गुरु जी
पूज्य गुरु जी ने इस दौरान कहा कि ये चीजे हमें 1970-72 में देखी हैं, आज ये चीजें नहीं रह गई। आज हमें पुराना कल्चर याद आ गया। पूज्य गुरु जी ने कहा एक समय था जब सब कुछ आग्रेनिक था, गांवों में डॉक्टर नहीं हुआ करते थे। अगर चोट लगती थी तो मिट्टी लगा लिया करते थे। पूज्य गुरु जी ने कहा कि आज ये चीजे नहीं रही, लेकिन एक दिन पुराना समय लौट कर जरूर वापिस आएगा।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।