- पंचायती तौर पर मिल मालिकों डेढ़ लाख पर लगाया जुर्माना
- मार्केटिंग बोर्ड ने भी 81000 जुर्माने सहित की वसूली
रतिया (तरसेम सैनी)। भारतीय किसान यूनियन खेती बचाओ के किसानों ने शहनाल रोड पर एक राइस मिल में बिहार से आए हुए धान के दो व चावल के एक ट्रक को उतारते हुए पकड़ लिया और इसके बाद मार्केट कमेटी व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों और एसडीम को मामले की सूचना दे दी। लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी जब कोई अधिकारी जांच करने नहीं पहुंचा तो किसानों ने राइस मिल के गेट के बाहर धरना लगा दिया। सरकार व विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर दी। कई घंटे बीत जाने के बाद मार्केट कमेटी के सचिव मेजर सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और बाहरी राज्यों से आए माल का निरीक्षण कर राइस मिल मालिक पर 81 हजार का जुर्माना लगाया ।
किसानों को आगे से बाहरी राज्यों का धान न लाने का आश्वासन दिया।
किसान यूनियन द्वारा भी पंचायती तौर पर राइस मिल संचालकों पर डेढ़ लाख रुपए जुर्माना लगाया गया जो कि 3 धार्मिक स्थलों दिया जाएगा। राइस मिल एसोसिएशन के जिला प्रधान सुरेश जिंदल के नेतृत्व में कमेटी के सदस्य भी पहुंचे और किसानों को आगे से बाहरी राज्यों का धान न लाने का आश्वासन दिया।
करोड़ों रुपए की धांधली की जा रही
भारतीय किसान यूनियन खेती बचाओ के प्रधान जरनैल सिंह, उपप्रधान बेगराज फुला, बंटी सिहाग, ओमप्रकाश हसंगा, राजविंदर सिंह चहल, पूर्व जिला पार्षद रामचंद्र शहनाल, पवन सिहाग व अन्य किसान नेताओं ने बताया कि रतिया क्षेत्र में अधिकारियों की मिलीभगत के कारण उत्तर प्रदेश और बिहार से चावल व धान बेरोकटोक रतिया के राइस मिल में उतार कर करोड़ों रुपए की धांधली की जा रही है और यह सब अधिकारियों की आंखों के सामने ही हो रहा है।
देर रात भी उनकी यूनियन के सदस्यों को पता लगा कि शहनाल रोड पर सनराइज मिल में उत्तर प्रदेश और बिहार से चावल से भरे हुए ट्रक उतर रहे हैं जिस पर दर्जनों की संख्या में किसान राइस मिल के गेट के आगे पहुंच गए उस समय बाहरी राज्यों से आए चावल व धान को उतारना शुरू किया गया था जिस पर उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया। मिल गेट के आगे धरने की सूचना मिलते ही राइस मिल एसोसिएशन के जिला प्रधान सुरेश जिंदल, रतिया प्रधान सुखदीप ग्रेवाल, व्यापार मंडल के प्रधान राजू लाली, रमेश गर्ग पप्पू अन्य पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए।
किसान नेता राजविंदर सिंह चहल ने बताया कि इस दौरान राइस मिल मालिक ने किसान नेताओं को बताया कि वह पहली बार राइस मिल चला रहे हैं और उन्हें इस बात का संज्ञान नहीं था कि बाहरी राज्यों से चावल व ध्यान को नहीं मंगाया जा सकता जिस पर उन्होंने आगे आगे से दूसरे राज्यों से धान व चावल नहीं मंगवाने की बात कही।
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