बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने वीरवार को यूटयूब चैनल पर आॅनलाइन साध-संगत से रूबरू हुए। पूज्य गुरु जी ने साध-संगत को दर्शन दिए। इस दौरान यूटयूब व जूम एप के माध्यम से देश-विदेश की करोड़ों साध-संगत ने अनमोल वचनों को श्रद्धाभाव से श्रवण किया। आइयें, सुनते हैं पूज्य गुरु जी के रूहानी वचन…
जानियें, कितना बड़ा है, डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु जी का परिवार
वीरवार को देश व विदेश में नामचर्चा घरों, आश्रमों में उतर प्रदेश बरनावा आश्रम से लाइव रूबरू कार्यक्रम के माध्यम से करोड़ों साध-संगत ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन वचनों व नूरी स्वरूप के दर्शन कर राम नाम का लाभ उठाया। इस दौरान पूज्य गुरु जी फरमाया कि हमारे ओम, शाह सतनाम, शाह मस्ताना, दाता रहबर के प्यारे बच्चों, 1948 से हमारे ये परिवार बढ़ते, बढ़ते एक वट वृक्ष बन चुका है। वैसे तो संत, पीर, फकीर, का परिवार जो भी परम पिता परमात्मा ने सृष्टि को बनाया है वो सारा ही होता है, लेकिन जिन्होंने, गुरु मंत्र ले लिया है, आज वो हमारा परिवार, करोड़ों में हो चुका है। तो हम उनके दर्शन कर रहे, वो हमारे दर्शन कर रहे हैं। हम तो अपने परिवार से ही बातें कर रहे हैं। ये अलग बात है, लोगों के परिवार 4 या 5 सदस्यों का होता है। हमारे वाला 6 करोड़ का है, और परिवार से ही हम मिलने आएं है। सारी सृष्टि ही तो फकीर का परिवार होता है, और परिवार से ही बात कर रहे हैं, क्योंकि अल्लाह, वाहेगुरु ओम, हरि का पता फकीर का परिवार होता है। तो सारा परिवार जो आज कायनात सुन रही है, इंसान के रूप में जितने भी बहन, भाई, बुजुर्ग, हमारे बच्चे जो जुड़े हुए हंै, सबको बहुत-बहुत आशीर्वाद कहते हैं मालिक खुशियां बख्शे। तो बेपरवाह, सच्चे दाता रहबर पाक पवित्र वचनों को आपको बताते हैं, भजन उन्होंने बहुत लिखे हैं, उन्ही में से एक भजन है ‘‘ दो घड़ी तू बैेठ के बंदे राम नाम गुण गा, जन्म अमोलक मिलिया हीरा, इसका लाभ उठा, हो बंदे गा राम गुण गा, ये जीवन सफल बना’’
ठगी, बेईमानी, भ्रष्टाचार के लिए समय है, लेकिन राम नाम के लिए नहीं: पूज्य गुरु जी
पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि इंसान हमेशा ये कहता है कि उसके पास समय नहीं है। खाने का समय चुकने नहीं देता, पीने का समय चुकने नहीं देता, कमाने का समय चुकने नहीं देता और कोई भी ऐसा कार्य सो शरीर से संबंध रखता हो, परिवार से संबंध रखता हो, उसके लिए समय निकालता ही निकालता है। यहां तक की जो काम नहीं करने चाहिये, ठगी, बेईमानी, भ्रष्टाचार, काम वासना, क्रोध, लोभ, मोह, अंहकार, मन, माया, उनके लिए भी टाईम निकाल रखा है। समय नहीं है तो सिर्फ ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु की भक्ति इबादत के लिए, और उसको समय न देने की वजय से ही आज समय ने इंसान का बुरा हाल कर रखा है।
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