Pani Se Jalne wale Diye
-बाजार में आए इलेक्ट्रॉनिक दीपक, तेल के स्थान पर डलता है पानी
सच कहूँ/सुनील वर्मा
सरसा। रोशनी और समृद्धि का पर्व दीपावली नजदीक है। ऐसे में बाजार भी गुलजार हो गए हैं। रंग-बिरंगी लाइटों और झालरों से दुकानें अटी हैं। इस बार बाजार में कई नए आइटम उतारे गए हैं। जो लोगों को काफी लुभा रहे हैं। दिवाली पर दीयों का खास महत्व है। जिसे जलाने के लिए तेल या घी की आवश्यकता होती है, लेकिन ( Pani Se Jalne wale Diye) इस बार दीये तेल के अलावा पानी से भी जलेंगे। यह तकनीक का कमाल है।
बाजार में आसानी से उपलब्ध ये दीये
ये दीये बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। दरअसल ये इलेक्ट्रॉनिक दीये हैं, जिन्हें आप दीवार पर सजाइये और जैसे ही आप उनमें तेल के स्थान पर पानी भरेंगे, दीया जल उठेगा। न ही इसमें माचिस की तीली लगाने की जरूरत है न ही कुछ और करने की। इन दीयों को अलग से बिजली लाइन से भी जोड़ने की जरूरत नहीं है। बताते हैं कि इस दीये की तली में कोई ऐसी डिवाइस लगाई गई है, जो दीये में पानी भरते ही उसकी एलईडी को आॅन कर देती है और दीया रोशन हो उठता है। इसकी कीमत 30 से 40 रुपये प्रति दीया के करीब है।
बजार में तैरने वाले दीये भी बने आक र्षण का केन्द्र
इसके अलावा बाजार में गृह सज्जा के अन्य सामान चमचमाती लड़ियों के साथ लाइटिंग फाउंटेन, कलर इमोजी, वैलून लाइट, मल्टी कलर लाइट, कलर फैन, पानी से जलने वाले दीये, तैरने वाले दीये आदि लोगों को आकर्षित कर रहें हैं। इससे व्यापारियों में उत्साह है। बड़ी बात यह है कि इस बार यह व्यापार पूर्ण रूप से चीन के सामान पर निर्भर नहीं है। स्वदेशी निर्मित इलेक्ट्रॉनिक सामान इस बार भी चाइनीज सामान को जबरदस्त टक्कर दे रहा है। व्यापारी बताते हैं कि एक्साइज ड्यूटी सौ प्रतिशत बढ़ने के कारण चाइनीज सामान स्वदेशी सामान के मुकाबले महंगा हो गया है।
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स्वदेशी सामान की बिक्री ज्यादा
वहीं, मौसम की मार से खराब हुई किसानों की फसल का असर बाजार में भी देखने को मिल रहा है। इसलिए स्वदेशी सामान की बिक्री ज्यादा हो रही है। वहीं, स्वदेशी सामान टिकाऊ और मरम्मत के काबिल है। जिसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
चाइनीज की तुलना में सस्ता
दुकानदारों का कहना है कि पानी से जलने वाले दीये में क्या डिवाइस लगी है, इसकी जानकारी तो नहीं है, लेकिन ये स्वदेशी हैं। इनकी बाजार में जबरदस्त मांग है। अभी बाजार में खरीदारी पूरी तरह शुरू नहीं हुई, लेकिन धनतेरस तक बाजार अपने चरम पर आने की उम्मीद है। वहीं बाहर से आने वाले सामान पर सरकार ने सौ प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लगने से स्वदेशी माल, चाइनीज की तुलना में सस्ता है। हालांकि कोरोना काल के बाद ग्राहकों की खरीदारी की क्षमता घटी है।
स्वदेशी सामान की भरपूर वैरायटी
स्वदेशी सामान की बाजार में खूब मांग है। हम सामान की पूर्ति नहीं कर पा रहे। महंगाई तो पहले की अपेक्षा इस बार लगभग दोगुनी है। वहीं, चाइनीज सामान को स्वदेशी सामान पूरी टक्कर दे रहा है। वैरायटी की बात करें तो इस बार स्वदेशी सामान की भरपूर वैरायटी बाजार में उपलब्ध है। वहीं मौसम की मार से किसानों को हुए नुकसान का असर भी दिख रहा है।
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