हिसार(सच कहूँ/सरदाना)। साइबर थाना पुलिस ने एफसी कॉलेज हिसार में साइबर क्राइम के प्रति विद्यार्थियों को जागरुक किया। मुख्य सिपाही नरेश कुमार ने कहा कि त्योहारी समय में हमे साइबर धोखाधड़ी के प्रति सजग रहना है। त्योहारी समय पर हर कोई व्यक्ति आॅनलाइन या आॅफलाइन खरीदारी कर रहा है। ऐसे में साइबर अपराधियों की नजर आपके वालेट पर हो सकती है, इसलिए सावधान रहें। किसी भी अंजान काल पर भरोसा करके अपने खाते की डिटेल साझा न करें। साइबर अपराधी रिश्तेदार बनकर काल करते है और खाते में रकम ट्रांसफर करने का झांसा देकर रिक्वेस्ट मनी का लिंक भेजते हैं। इस पर क्लिक करते ही खाते से रकम निकल जाती है। किसी भी प्रकार के लालच में फसने से आपका बैंक खाता खाली हो सकता है।
ठगी का तरीका : साइबर अपराधी बैंक प्रबंधक या बैंक कर्मचारी बनकर काल करते हैं और डेबिट कार्ड या खाता बंद होने का झांसा दे खाते और डेबिट व क्रेडिट कार्ड की जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। इसके बाद खातों से आसानी से रकम प्राप्त की जा सकती हैं। कई बार वाट्सएप पर आकर्षक लिंक भेज, प्ले स्टोर से रिमोटली एक्सिस एप जैसे एनी डेस्क, टीम व्यूअर आदि डाउनलोड करने को प्रोत्साहित करते हैं। इन ऐप के मोबाइल में डाउनलोड होने के बाद मोबाइल की एक्सेस साइबर अपराधियों के हाथ में होती है तथा वे खातों से रकम आसानी से निकाल सकते है।
लिंक पर क्लिक करते ही खाते से कट जाती है धनराशि
बीते समय में साइबर अपराधियो द्वारा लोगों को रिश्तेदार बनकर ठगी के मामले सामने आए है वे फोन कर कहते है कि पहचानो कौन बोल रहा हूं..। किसी नजदीकी रिश्तेदार का नाम बताने पर साइबर अपराधी वही बनकर बात करने लगता है। हाल पूछने के बाद कहा जाता है कि मेरा दोस्त आपके खाते में रकम ट्रांसफर करेगा, वो मैं आपसे ले लूंगा। यह कहकर दूसरे नंबर से रिक्वेस्ट मनी का लिंक भेज देते हैं। इस पर क्लिक करते ही खाते से रकम कट जाती है। आए गए लिंक पर क्लिक करने से पहले ए सुनिश्चित करे कि भेजा गया लिंक पैसा पाने का है या पैसा भेजने का। थोड़ी सी सावधानी रख हम सभी साइबर फ्रॉड से पीड़ित होने से बच सकते है।
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए नीचे दिए गए सुझाव आमजन अपना सकते है
- अनजान व्यक्ति आपको कॉल मैसेज कर लुभावना ऑफर देता है, किसी सर्विस के ब्लॉक होने का भय दिखाता है, ऑनलाइन खरीदारी या व्यक्तिगत जानकारी देकर आप को विश्वास में लेता है और इस तरीके से लोग साइबर ठग हो सकते है।
- किसी भी सूरत में अनजान कॉलर से अपने फोन पर बैंक से जुड़ी निजी जानकारी आधार नंबर या पैन कार्ड की जानकारी, एटीएम का ओटीपी कतई साझा ना करें।
- बीमा, फाइनेंस, किश्त, लोन, केवाईसी अपडेट, सिम ब्लॉक होना, लॉटरी लगी है, कौन बनेगा करोड़पति, लकी ड्रॉ जैसे फोन कॉल या मैसेज के झांसे में बिल्कुल ना आए लोन एप के झांसे में भी ना आए क्योंकि ऐसे में जानकारी हासिल हो जाने के बाद ऐप के संचालक लोगों को ब्लैकमेल करते पाए गए हैं।
- अनजान व्यक्ति के कहने पर किसी भी एप्लिकेशन जैसे क्विक सपोर्ट, एनी डेस्क टीम व्यूवर को इन्स्टॉल ना करें। इससे फोन या कंप्यूटर हैक हो सकता है।
- अनजान नंबर से आए लिंक को कभी क्लिक ना करें, रजिस्ट्रेशन अथवा अकाउंट टेस्ट करने के नाम से 10 रुपए की राशि ट्रांसफर कर दिजिए इस तरह की बातें ठग करते हैं।
- अनजान नंबर की वीडियो कॉल ना उठाएं फोन उठाते ही आप ब्लैक मेलिंग के शिकार हो सकते हैं। सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती करने से बचें।
- गूगल पर कस्टमर केयर पर नंबर सर्च करते वक्त सावधानी बरतें कस्टमर केयर नंबर के लिए हमेशा संबंधित कंपनी की वेबसाइट पर ही जाएं।
- +92, 440-846922-920 या 940 जैसे नंबर से कॉल आने पर रिसीव न करें ये ठग गैंग के नंबर हैं।
- किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड से पीड़ित होने पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930, साइबर क्राइम पोर्टल https://cybercrime.gov.in और नजदीकी पुलिस थाना में सूचना दें।
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