अजमेर (एजेंसी)। राजस्थान में अजमेर के गंज थाना क्षेत्र में पुष्कर रोड स्थित ऋषि घाटी पर अवस्थित जगन्नाथ मंदिर के पुजारी जगदीश नारायण शर्मा की जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में मृत्यु हो गई। 90 वर्षीय मृतक पुजारी ने मंदिर प्रबंधन कमेटी से प्रताड़ित होकर तीन दिन पूर्व कैरोसिन छिड़ककर स्वयं को आग के हवाले करते हुए आत्मदाह की कोशिश की थी।
साठ फीसदी झुलसे पुजारी को गंभीर हालत में उपचार के लिए जेएलएन अस्पताल इलाज में भर्ती कराया गया था जहां गत देर रात्रि उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद ब्राह्मण समाज उद्वेलित हो उठा और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगा। राजस्थान ब्राह्मण समाज ने पुजारी की मृत्यु के बाद शव को न उठाने की घोषणा कर दी है। महासभा के पंडित सुदामा शर्मा ने कहा है कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता शव को नहीं उठाया जाएगा। साथ ही मृतक के परिजनों में से एक को सरकारी नौकरी तथा पचास लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है।
क्या है मामला
यहां स्पष्ट कर दे कि ब्राह्मण महासभा ने न्याय के लिए आज सुबह नौ बजे ही स्थानीय बजरंगगढ़ चौराहे पर पंचायत बुलाई थी लेकिन दुर्भाग्यवश पुजारी की पहले ही मृत्यु हो गई। अजमेर प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन पुजारी की मृत्यु के बाद सतर्क हो गया है। पुलिस उपाधीक्षक छवि शर्मा ने मोर्चा संभाला हुआ है और कानून व्यवस्था न बिगाड़ने की बात कही है। पुलिस को आशंका है कि मामला तूल पकड़ेगा और ब्राह्मण समाज बड़ा आंदोलन कर सकता है जिसमें राज्य स्तर के नेता भी आज अजमेर पहुंचेंगे। इधर, राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा ने भी जिला कलक्टर अजमेर को पत्र लिखकर पुजारी के आत्मदाह प्रकरण में दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की है और परिवार को न्याय दिलाए जाने की सिफारिश की है।
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