जंगल सफारी के गुरुग्राम में पूरे रकबे की निशानदेही का काम भी हुआ पूरा | Gurugram Jungle Safari
- 10 गांवों की जमीन 33 साल की अवधि के लिए लीज पर ली जाएगी
गुरुग्राम(सच कहूँ/संजय मेहरा)। गुरुग्राम और नूंह जिला की अरावली पर्वत श्रृंखला में प्रस्तावित जंगल सफारी बनाने में गुरुग्राम जिला का 6 हजार एकड़ रकबा शामिल होगा। कुल 10 हजार एकड़ जमीन पर जंगल सफारी विकसित होगी। गुरुग्राम जिला में 6 हजार रकबे की निशानदेही भी पूरी हो चुकी है। जंगल सफारी में गुरुग्राम जिला के 10 गांवों का लगभग 6 हजार एकड़ रकबा इस जंगल सफारी के अधीन आएगा। इनमें गांव शिकोहपुर, बार गुर्जर, नोरंगपुर, टीकली, गैरतपुर बास, अकलीमपुर, सकतपुर, घामड़ौज, भौंडसी तथा अलीपुर शामिल हैं। इनमें जो गांव नगर निगम क्षेत्र में पड़ते हैं, वे नगर निगम के सदन में तथा जिन गांवों में ग्राम पंचायत हैं वे ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित करवाएंगे।
जंगल सफारी के लिए जमीन 33 साल की अवधि के लिए लीज पर दी जाएगी। निशानदेही किए गए जंगल सफारी के रकबे में यदि कोई स्थाई या अस्थाई अतिक्रमण होगा तो उसे वन विभाग नोटिस देकर हटवाएगा। अरावली का यह क्षेत्र पीएलपीए यानी पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत आती है। हालांकि यहां अरावली का अधिकतर क्षेत्र अतिक्रमण मुक्त ही है। जिला उपायुक्त ने जंगल सफारी को लेकर अधिकारियों की बैठक भी ली है।
विश्व का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क होगा
गुरुग्राम और नूंह जिलों की अरावली पर्वत श्रृंखला में पड़ने वाले लगभग 10 हजार एकड़ क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा सफारी पार्क होगा। यह परियोजना दुनिया में इस तरह की सबसे बड़ी परियोजना होगी। वर्तमान में अफ्रीका के बाहर सबसे बड़ा क्यूरेटेड सफारी पार्क शारजाह में है, जो फरवरी 2022 में खोला गया था। जिसका क्षेत्रफल करीब दो हजार एकड़ है। हरियाणा मे प्रस्तावित अरावली पार्क आकार इससे 5 गुना होगा।
अरावली में पक्षियों की हैं 180 प्रजातियां
बता दें कि अरावली पर्वत शृंखला एक सांस्कृतिक धरोहर है, जहां पर पक्षियों, वन्य प्राणियों, तितलियों आदि की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। कुछ वर्षों पहले करवाए गए सर्वे में पता चला था कि अरावली पर्वत श्रृंखला में पक्षियों की 180 प्रजातियां, स्तनधारी वन्य जीवों की 15 प्रजातियां, जमीन पर रेंगने वाले और पानी में रहने वाले प्राणियों की 29 प्रजातियां तथा तितलियों की 57 प्रजातियां मौजूद हैं।
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