सरसा/खारियां। (सच कहूँ/सुनील कुमार) डेरा सच्चा सौदा सरसा में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन महापरोपकार दिवस पर आयाजित पावन भंडारे की नामचर्चा में देश-विदेश से साध-संगत ने शिरकत की। बरसात के बावजूद पंडाल साध-संगत से खचाखच भरा रहा। साध-संगत इतनी बड़ी तादाद में पहुंची कि साध-संगत के प्रेम के आगे सारे इंतजाम बोने नजर आए। वहीं इस दौरान सच कहूँ संवाददाता से बातचीत करते हुए डेरा श्रद्धालुओं ने अपने अनुभव भी सांझा किए जो इस प्रकार हैं:-
‘‘मैंने वर्ष 2003 में पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से नाम की अनमोल दात प्राप्त की। जिसके बाद जीवन में मुझे परहित में इन्सानियत की सेवा करने की प्रेरणा डेरा सच्चा सौदा से मिली। जो आज भी निरंतर जारी है।
-सन्नी इन्सां, ब्लॉक लालडू, मोहाली।
‘‘आज से 32 वर्ष पूर्व मुझ में अनेकों बुराईयां थी। मैं हर प्रकार का नशा करता था, लेकिन पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से नामदान लेने के बाद मेरी सभी बुराइयां छूट गई और आज में मानवता व इंसानियत की सेवा के साथ स्वस्थ व इज्जत का जीवन जी रहा हूँ।
धर्मपाल इन्सां, ब्लॉक शाहबाद कुरूक्षैत्र।
मैने गुरूमंत्र के साथ ही शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग की सदस्यता प्राप्त कर सेवा कार्य शुरू कर दिए। जिसके बाद पूज्य गुरु जी की पावन प्रेरणानुसार जहां भी सेवा करने का मौका मिला हमने की और सतगुरू की रहमत से समाज में हमने काफी बदलाव देखा जो अकल्पनीय रहा।
राजेन्द्र इन्सां, ब्लॉक शाहबाद, कुरूक्षेत्र।
मैं कक्षा 10वीं का विद्यार्थी हूँ। मैं हमेशा से ही पढ़ाई में कमजोर रहा, लेकिन वर्ष 2016 में पूज्य गुरू जी से नाम की अनमोल दात प्राप्त कर सुबह शाम एक-एक घंटा मेडिटेशन शुरू किया, जिसके बाद मेरा परीक्षा परिणाम मैरिट में पहुंच गया। जो मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है।
-रंकित इन्सां,
ब्लॉक महमदपुर रोही, फतेहाबाद।
‘‘गुरूमंत्र ही सबसे बड़ी शक्ति है। गुरूमंत्र के निरंतर सुमिरन से इंसान आत्मज्ञान की प्राप्ति कर सकते हैं। पूज्य गुरु जी शिष्य को रामनाम से जोड़ते हैं व सतमार्ग पर चलाते हैं, ताकि वो बुरे कर्मों से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त कर सकें।
-जोगिन्द्र इन्सां, फरीदाबाद।
मैंने साल 1957 में शाह मस्ताना जी महाराज से नाम की अनमोल दात प्राप्त की और उसके बाद पूरा परिवार डेरा सच्चा सौदा से जुड़कर इन्सानियत की राह पर अग्रसर हुआ। पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज की कृपा से मेरा परिवार आज हर सुविधा से संपन्न हो गया है।
-नेमतराम इन्सां, फतेहाबाद।
‘‘हमारा पूरा परिवार डेरा सच्चा सौदा की स्थापना के वर्ष 1948 से ही जुड़ा हुआ है। पूज्य गुरु जी की पावन शिक्षाओं की बदौलत ही आज हमारे परिवार की कई पीढ़ी राम नाम के साथ इंसानियत के मार्ग पर अग्रसर है और आगे भी रहेगी।
-जगदेव इन्सां, बुडलाडा, मानसा।
‘‘वर्षों पहले पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से गुरूमंत्र प्राप्त कर वो सब कुछ प्राप्त किया जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी। आज हमारे पास जो कुछ भी है पूज्य सतगुरू जी की रहमत से बना है।
-राजाराम इन्सां, ब्लॉक रामपुरथेड़ी-चक्कां, सिरसा।
मैं अपनी युवा अवस्था में भट्टे पर कार्य करता था और नशे का आदि था। उस समय मेरे पास दो वक्त की रोटी तक नहीं थी। लेकिन जैसे ही मंैने वर्ष 1990 में पूज्य गुरु जी से नामदान प्राप्त कर सुमिरन शुरू किया व इंसानियत व मानवता के कार्य किये तो जीवन में काफी बदलाव आया। सभी बुरी आदतें भी दूर हो गई और एक इंसान भी बन गया।
भागीरथ इन्सां, ब्लॉक रामपुरथेड़ी-चक्कां, सरसा।
‘‘नामदान से पहले मैंनशा करता था। जब से मैंने गुरूमंत्र लिया सब प्रकार का नशा छोड़ दिया और आज स्वस्थ व तंदरूस्त जीवन व्यतीत कर रहा हूँ। सतगुरु जी ने मुझे नया जीवन दिया और आज में शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग का सेवादार भी हूँ और मेरा ये जीवन समाज सेवा को ही समर्पित है।
-गुरदेव सिंह इन्सां, ब्लॉक मानसा।
‘‘हमारा पूरा परिवार डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा है। कुछ वर्ष पूर्व मेरा एक्सीडेंट हुआ था। जिसके उपरांत कई डॉक्टरों की सलाह ली, परंतु किसी ने भी सफल आॅप्रेशन की बात नहीं की। उस दौरान पूूज्य सतगुरू जी की रहमत व सुमिरन से आज मैं पहले जैसा पूर्णत्या स्वस्थ हूँ और आॅप्रेशन तथा कोरोना के समय में मेरे परीक्षा में अंक पहले से बेहतर आए।
-अनमोल इन्सां, ब्लॉक केसरीसिंहपुर, श्री गंगानगर।
‘‘डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु जी द्वारा चलाए जा रहे 142 मानवता भलाई कार्यों से आज समाज व देश में काफी बदलाव आया है। युवा नशा व बुराईयां छोड़कर रामनाम व इंसानियत के मार्ग पर चल रहे हैं।
जसकरण सिंह इन्सां, ब्लॉक डबवाली।
‘‘पूज्य गुरु जी की पावन प्रेरणाओं में डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई के कार्य समाज में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए मद्दगार साबित हो रहे हंै। आज समाज में नशा मुक्त, जरूरतमंद को राशन, मकान, वस्त्र, रक्त आपूर्ति, अंगदान, शरीरदान जैसे अनेकों कार्य बिना किसी निजी स्वार्थ के नि:शुल्क किये जा रहे हैं। जो सराहनीय हैं।
-छबिन्द्र इन्सां, ब्लॉक रामपुरथेड़ी-चक्कां, सरसा।
गुरूमंत्र लेने के बाद मेरा मन पढ़ाई में लगने लगा है। डेरा सच्चा सौदा से जुड़ने के बाद मुझे बहुत सारे अच्छे कार्य करने, अच्छे विचारों व इन्सानियत से रूबरू होने का मौका मिला। जिससे मेरे जीवन को नई दिशा मिली। मैं खुशनसीब हूँ कि मुझे पूर्ण सतगुरु जी का मार्गदर्शन मिला।
-जगनजोत गिल इन्सां, ब्लॉक मानसा।
‘‘डेरा सच्चा सौदा रूहानियत व इन्सानियत का वो दर है जहां से कोई खाली नहीं जाता। एक बार जो इससे जुड़ गया वो हमेशा सतगुरू जी की रजा में मौज ही करता है। मैंने अपनी 82 वर्ष की आयु में अभी तक ऐसा कुछ भी गलत नहीं देखा जैसा लोग कहते हैं। जब कोई अच्छा कार्य करते हैं तब लोग उनसे जलते हुए बुराई ही कर सकते हैं।
-उमेद सिंह इन्सां, ब्लॉक निनाण, भिवानी।
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