नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। अत्यधिक ऊंचाई वाले दुर्गम बफीर्ले क्षेत्रों में गश्त लगाने वाले सैनिकों को अब राडार के जरिये हिमस्खलन की चेतावनी कुछ सेकेंड पहले ही मिल जायेगी और वे उसकी चपेट में आने से बच सकेंगे। इन राडारों की मदद से भूस्खलन का भी समय रहते पता लगाने में मदद मिलेगी। यह राडार सेना और डिफेन्स जियोइंफोर्मेटिक्स एंड रिसर्च इस्टेबलिशमेंट ने मिलकर लगाया है। त्रिशक्ति कोर के जनलर आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल तरन कुमार ने उत्तरी सिक्किम में 15 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित एक अग्रिम चौकी पर मंगलवार को किया। देश में अपनी तरह का यह पहला राडार हिमस्खलन आने के तीन सेकेंड के अंदर उसकी चेतावनी देने में सक्षम है और इससे अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सैनिकों तथा संपत्ति के नुकसान को बचाने में मदद मिलेगी। यह राडार सभी तरह के मौसम में दिन रात काम कर सकता है। यह राडार बर्फ और कुहरे के अंदर भी गतिविधियों का पता लगा सकता है।
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यह एक अलार्म प्रणाली से भी जुड़ा होता है और इसके जरिये घटना के फोटो तथा वीडियो को भी रिकार्ड किया जा सकता है जिससे इनका विश्लेषण किया करने में आसानी होगी। इस तरह के राडार उन क्षेत्रों में बहुत कारगर सिद्ध होंगे जहां अचानक हिमस्खलन होते रहते हैं।
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