नारायणगढ़ में कुल 5422 केस थे, जिसमें से 200 केस हैं एक्टिव
- 76 गावों में गाय-भैंसों की संख्या 57 हजार
- 8 डॉक्टर सहित 40 स्टाफ की राजकीय पशु औषद्यालय में कार्यरत
नारायणगढ़(सच कहूँ/सुरजीत कुराली)। पूरे देश में गाय में वाले बीमारी लंपी ने कहर मचा रखा है। नारायणगढ़ भी इससे अछूता नहीं है। यहां पर कुल 5422 केस थे जिसमें से 200 केस एक्टिव रह गए हैं। 73 गायों की अब तक मौत हो चुकी है। गाय-भैंसों की संख्या 57 हजार, 176 गावों पर सिर्फ 8 डॉक्टर सहित 40 स्टाफ काम कर रहे हैं। जबकि चिकित्सकों की पोस्ट 139 की है। सहायक डॉक्टरों की 44 पोस्ट हंै, इस समय 16 ही सहायक डॉक्टर कार्यरत हैं। इसी तरह फोर्थ क्लास में 86 की पोस्ट पर सिर्फ 24 ही काम कर रहे हंै। राजकीय पशु चिकित्सालय 9 हैं और 33 राजकीय पशु औषद्यालय हंै। ऊपर से उपमंडल में गायों और व भैसों की संख्या करीब 57 हजार हैं। ऐसे में इस सीमित स्टाफ में कैसे पशुओं का इलाज होगा।
विधायक के निरीक्षण के बाद ली थी बैठक
बता दें कि नारायणगढ़ की विधायक शैली चौधरी ने शहजादपुर व नारायणगढ़ के पशु चिकित्सालयों का निरीक्षण किया था। शहजादपुर में कोई भी डॉक्टर न मिलने पर वह उपमंडल के एसडीएओ को मिली थी जहां उन्हें इस समस्या से अवगत करवाया था और वहां पता चला कि यहां स्टाफ की भारी कमी है। एसडीएओ दलजीत सिंह ने संज्ञान लेते हुए शहजादपुर के डॉक्टर को तुरंत बुलाया और उनकी बैठक लेकर निर्देश दिये कि जो शहजादपुर के क्षेत्र में कमियां है उन्हें दूर करें और पशु पालकों को संतुष्ट करे।
उपमंडल में 200 के करीब एक्टीव मामले
एसडीएओ दलजीत सिंह ने बताया कि गौवंश में बीमारी के 5422 केस थे, उनमें से कुछ केस ठीक हो चुके हंै। अभी 200 के करीब एक्टीव केस है। उनका भी उपचार चल रहा है। अब तक 73 गायों की बीमारी से मौत हो चुकी है। यह बीमारी सिर्फ गौवंश में आई है। भैंस का उपमंडल में कही भी केस नहीं है। हमारी यहां गायों की जनसंख्या करीब 16 हजार है। जिसमें से 14 हजार 400 को वैक्सीन के सभी टीके लगा दिये हैं। अब बीमारी हमारे यहां नियंत्रण में है। अभी नये केस दो या तीन ही होंगे।
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