ऑपरेशन लोट्स को फेल करने को लेकर विश्वास प्रस्ताव 22 को पेश करने जा रही मान सरकार, जारी किया बयान
- विपक्ष ने उठाए सवाल, कहा-92 विधायक होने के बावजूद डर किस बात का बहुमत से चुनी सरकार को गिराने की कोशिश, दिया जा रहा लालच: भगवंत मान
चंडीगढ़। (सच कहूँ/अश्वनी चावला) ऑपरेशन लोट्स को लेकर हो रहे हंगामे के बीच भगवंंत मान की सरकार एक दिवसीय स्पैशल सैशन बुलाने जा रही है ताकि विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए विपक्ष की कोशिश को ही नाकामयाब कर दिया जाए लेकिन वहीं विपक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं कि आम आदमी पार्टी 92 विधायक होने के बावजूद भी किस बात से डर रही है कि उनके विधायक ईमानदार नहीं हैं, जिनसे कि सरकार गिर जाएगी? भगवंत मान ने खुद ऐलान किया है कि एक दिवसीय विधान सभा का सैशन 22 सिंतबर को बुलाया जाएगा और इस स्पैशल सैशन दौरान सिर्फ सरकार पर अपना विश्वास होने का प्रस्ताव ही पास किया जाएगा।
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सीएम मान ने इस संबंधी एक वीडियो सन्देश ट्विटर पर जारी करते हुए कहा कि बीते दिनों आॅपरेशन लोट्स के बारे में सभी को पता चल गया होगा कि कैसे विपक्ष आम आदमी पार्टी के विधायकों से संपर्क करने की कोशिश की और उनको रूपयों का लालच देने तक की कोशिश की गई ताकि पंजाब के लोगों द्वारा भारी बहुमत से चुनी गई सरकार को गिराया जा सके लेकिन इनको जानकारी नहीं है कि जब पंजाब में विधानसभा चुनाव हो रहे थे तो विपक्ष के पास बहुत ही ज्यादा पैसा था और ऐसा बहुत सा सामान था, जिससे लोगों को लालच दिया जा सकता था।
पार्टी के विधायक चट्टान की तरह पंजाब के लोगों के साथ खड़े हैं : सीएम
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के लोगों ने उस पैसे और लालच को अपने से दूर हम पर ‘विश्वास किया और विश्वास ही एक ऐसी करंसी है, जिसकी दुनिया में कोई कीमत नहीं है।’ मान ने कहा कि इस विश्वास को हमेशा कायम रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के विधायक चट्टान की तरह पंजाब के लोगों के साथ खड़े हैं और इसी विश्वास प्रस्ताव को कानूनी तौर पर दिखाने के लिए विधान सभा का स्पैशल सैशन 22 सितंबर को बुलाया जा रहा है, जिसमें दिखा दिया जााएगा कि आम आदमी पार्टी के विधायक कभी भी किसी भी तरह के लालच में नहीं आएंगे।
डर क्यों रही सरकार, सैशन में लोगों के मसले भी हों हल : अकाली दल
शिरोमणी अकाली दल के लीडर दलजीत चीमा ने स्पैशल सैशन पर सवाल उठाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के पास 92 विधायक होने के बावजूद भी उनको डर किस बात का सता रहा है। यह सैशन तों सिर्फ अपनी सरकार को कानूनी पक्ष से सुरक्षित करने का ड्रामा है। अगर सैशन की बुलाना है तो सिर्फ विश्वास प्रस्ताव पर क्यों, इसके साथ ही एसवाईएल के मुद्दे पर भी चर्चा की जाए और पंजाब के अन्य दर्जनों मुद्दे हैं, उन मुद्दों पर भी चर्चा करते हुए उनका भी हल होना चाहिए।
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