सहारनपुर (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में स्थित मां शाकुम्बरी देवी के मंदिर के पास पहाड़ी खाई में आये बारिश के पानी के सैलाब में मंगलवार को तड़के एक कार बह गयी जिसमें सवार एक महिला की मौत हो गयी और चार अन्य को बचा लिया गया। पुलिस ने बताया कि आज सुबह करीब पांच बजे यह हादसा हुआ। इसमें पहाड़ी इलाके में देर रात हुयी तेज बारिश का पानी, सैलाब बन कर नीचे तलहटी में स्थित शाकुम्बरी देवी मंदिर इलाके में आ गया। पानी के जबरदस्त प्रवाह में देवी दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं की एक कार बह गयी। कार में सवार पांच लोगों में एक महिला की मौत हो गयी, जबकि उसकी तीन बेटियों और कार चालक को स्थानीय लोगों ने बचा लिया।
पुलिस ने बताया कि शिवालिक पहाड़ी क्षेत्र में कल रात भर हुई बारिश से शाकुम्बरी देवी मंदिर की तलहटी में पानी का बहाव इतना तेज था कि शंकराचार्य आश्रम के पास एक अल्टो कार पानी में बह गई। उसमें सवार 55 वर्षीय महिला सीमा पत्नी हेमंत की पानी में डूबने से मौत हो गई। कार में सवार उसकी तीन बेटियों रिया, तानिया और मेघा एवं कार चालक रवि पुत्र प्रकाश को बचा लिया।
कैसे हुआ हादसा
बेहट के तहसीलदार प्रकाश और पुलिस क्षेत्राधिकारी मुनीश चंद्र ने बताया कि कार सवार श्रद्धालुओं को भूरा महादेव मंदिर के पास शाकुम्बरी मंछिर क्षेत्र में पानी का सैलाब आने की सूचना मिली थी। श्रद्धालुओं को मंदिर क्षेत्र में जाने से रोका भी गया था लेकिन आॅल्टो कार सवार नहीं माने और कार के साथ शाकुम्बरी देवी मंदिर की ओर बढ़ते गए। शंकराचार्य आश्रम के पास उनकी अल्टो कार पानी के तेज बहाव में बह गई। मृतका सीमा और उसकी बेटी रिया को भूरा देव मंदिर के पास से निकाला गया। तब तक सीमा की मौत हो चुकी थी लेकिन रिया को बचा लिया गया। सीमा की दो बेटियों तानिया और मेघा को लोगों ने शंकराचार्य आश्रम के पास ही बचाने में सफलता पा ली थी। कार चालक रवि प्रकाश को भी किसी तरह से पानी के तेज बहाव से सुरक्षित निकाल लिया गया।
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पीड़ित परिवार सहारनपुर में शुगर मिल कालोनी में रहता है। गौरतलब है कि गत 10 सितंबर को भी सुबह पहाड़ों पर तेज बारिश के कारण शाकुम्बरी देवी की तलहटी में सैलाब आने से तीन वाहन बह गए थे। इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने मंदिर के आसपास लगी दुकानों को हटवा दिया था। इसी कारण उस दिन भी बड़ा हादसा होने से बच गया। सरकार से इस इलाके में हर साल होने वाली इस समस्या के समाधान के लिये सुरक्षित एवं कारगर कदम उठाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। अभी तक सरकार द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।
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