चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या से जुड़े संदिग्ध आतंकी गिरोहों की तलाश के सिलसिले में सोमवार को दिल्ली समेत पांच राज्यों में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे। एनआईए सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में झरोदाकलां एवं अलीपुर तथा अन्य इलाकों में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, काला जठेड़ी, टिल्लू ताजपुरिया और नीरज बवानिया के ठिकानों पर छापे मारे गये।
यह कार्रवाई हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में भी जारी है। हाल ही में मूसेवाला मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बरार (कनाडा स्थित गैंगस्टर) गिरोह के तीन शार्पशूटरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह भी पता चला है कि ये तीनों आरोपी कुलदीप उर्फ कशिश और प्रियवर्त उर्फ फौजी के सीधे संपर्क में रहने के लिए कुछ ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे। जांच के दौरान, यह पता चला कि वे गोल्डी बरार के नियमित संपर्क में भी थे, जिन्होंने कथित तौर पर 29 मई की हत्या के लिए रसद सहायता, ठिकाने और हथियार प्रदान किए थे।
सिद्धू मूसेवाला मर्डर आरोपी दीपक मुंडी के परिजन आए मीडिया के सामने, बोले
सिद्धू मुसेवाला मर्डर केस में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल और पंजाब पुलिस की ज्वार्इंट टीम ने नेपाल से बदमाश दीपक मुंडी को उसके दोस्त कपिल पंडित के साथ पकड़ा है। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में मुख्य शूटर दीपक मुंडी चरखी दादरी जिला के बौंद कलां पुलिस थाना के तहत आने वाले गांव ऊण का निवासी है। सिद्धू मुसेवाला मर्डर केस में दीपक मुंडी की गिरफ्तारी होने के बाद उसके परिजन पहली बार मीडिया के सामने आए और बेटे को कपूत बताते हुए कहा कि ऐसा बेटा किसी को ना दें, उनकी इज्जत मिट्टी में मिला दी है।
बता दें कि पंजाब के मानसा जिले में गत 29 मई को सिद्धू मूसेवाला के नाम से मशहूर गायक शुभदीप सिंह सिद्धू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मूसेवाला पर हमले की जिम्मेदारी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने ली थी। हालांकि इस मामले में अनेक आरोपियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। अब दिल्ली की स्पेशल सैल व पंजाब पुलिस द्वारा दीपक मुंडी को उसके साथी के साथ नेपाल बार्डर पर गिरफ्तार करने के बाद चरखी दादरी के गांव ऊण निवासी दीपक मुंडी के परिजनों ने मीडिया के समक्ष अपना दु:खड़ा रोया।
तीन बहन-भाइयों में सबसे बड़ा है दीपक, छोटी उम्र में बन गया अपराधी
दीपक की मां सुनीता व पिता राजबीर सिंह मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। तीन बहन-भाइयों में सबसे बड़ा दीपक छोटी उम्र में ही अपराध की दुनिया में फंसता चला गया। छोटी उम्र में परिजनों ने उसे नाना-नानी के घर छोड़ दिया था। नाना-नानी की मौत के बाद से तो दीपक पर कई अपराधिक केस भी दर्ज हुए और परिजनों के साथ भी कई बार झगड़ा हुआ। परिजनों की मानें तो करीब पांच माह पहले परिजनों का दीपक के साथ झगड़ा हो गया और दीपक घर से निकल गया। जिसके बाद से ही परिजनों का उससे कोई संपर्क नहीं है।
पिता बोले, फांसी पर चढ़ा दो, नहीं चाहिये डैड बॉडी
पिता राजबीर सिंह ने कहा कि बेटे की गलत हरकतों को देखकर दो बार बेदखल किया। पुलिस उन्हें तंग करने लगी थी, दीपक हमारा बेटा है ही नहीं। उसने जो किया उसकी सजा मिले, अगर पुलिस मार भी दे तो उसकी डैड बॉडी भी नहीं लेंगे। वहीं ग्रामीणों ने भी कहा कि दीपक को गांव में नहीं देखा, अगर दीपक ने किसी की जान ली है तो उसे फांसी हो।
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