झज्जर के मातनहेल में जमीन देखने पहुंचे गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष गर्ग
- गोशालाओं की सहायता के लिए पिछले एक साल में दिए गए है 45 करोड़
झज्जर(सच कहूँ/संजय भाटिया)। शहरों में सड़कों पर घूमने वाली आवारा गऊओं के लिए हरियाणा सरकार ने अब गोवन बनाने का निर्णय लिया है। ताकि सड़कों पर घूमने वाली गौ को प्राकृतिक माहौल मिल सके। यह बात गौशाला आयोग के अध्यक्ष श्रवण गर्ग ने झज्जर में मीडिया के रूबरू होकर कही। श्रवण गर्ग ने बताया कि वह समय नजदीक है जब आने वाले समय में शहर की सड़कों पर कोई भी गोवंश घूमता हुआ दिखाई नहीं देगा।
वह स्वयं झज्जर के कस्बा मातनहेल में गोवन के लिए जमीन देखने के लिए आए है। इस बारे में उन्होंने गोशालाओं के संचालकों और जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी मीटिंग कर फीड़बैक लिया है। उन्होंने कहा कि गाय हमारी माता है और हमारा भी फर्ज और कर्तव्य है कि हम अपनी मां के लिए कुछ करे। इसके लिए सरकार एक तरह से युद्धस्तर पर ही काम कर रही है। उम्मीद यहीं है कि भविष्य में झज्जर जिले के अंदर एक भी गाय सड़क पर नहीं दिखाई देगी।
गोबर और गोमुत्र से बनने वाले उत्पाद पर रिसर्च जारी
गौशाला आयोग के अध्यक्ष श्रवण गर्ग ने कहा कि सरकार गाय की नस्ल सुधार और गोबर और गोमुत्र से बनने वाले उत्पाद पर रिसर्च कर रही है। कई स्थानों पर तो सरकार ने गाय के गोबर से बनने वाली खाद, गमले, पेंट और धूप अगरबत्ती के उत्पाद सयंत्र लगाए भी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पहली सरकार ऐसी है जिसने गोशालाओंके खाते में सीधे पैसे डाले हैं। पिछले एक साल में तीन किस्तों में गोशालाओं को 45 करोड़ रूपए जारी किए जा चुके हैं।
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