ई-नेम प्रणाली के खिलाफ मुखर हुए प्रदेशभर के आढती
- 10 सितंबर को गोहाना की मंडी में गरजने को उत्साहित
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा के गठन से लेकर अब तक पारंपरिक तौर पर किसानों व आढतियों के बीच चली आ रही व्यवसायिक व पारंपरिक सांझ में राज्य सरकार की ओर से ई-नेम प्रणाली के माध्यम से व्यवस्था लागू करने के निर्णय से आक्रोशित प्रदेशभर के करीब 25 हजार व्यापारी भाजपा सरकार के खिलाफ हल्लाबोल (Traders Protest) की तैयारी में हैं। प्रदेशभर की करीब 400 अनाजमंडियों में खुले रूप में सरकार के निर्णय के खिलाफ एकजुट हुए आढतियों ने आगामी 10 सितंबर को गोहाना की अनाजमंडी में गरजने का निर्णय लिया हुआ है।
व्यापारियों से जारी है जनसंपर्क
चूंकि राज्य सरकार ने मंडियों में किसानों के खाते में सीधे ही उसकी फसल की बिकवाली के बाद मिलने वाली राशि को डालने का निर्णय ई-नेम प्रणाली से लिया हुआ है, जिसका विरोध प्रदेशभर के आढती कर रहे हैं। सरकार के अपने निर्णय के प्रति किसी प्रकार की कोई परिवर्तन न किए जाने की गुंंजाइश के दृष्टिगत प्रदेशभर में व्यापारी एसोसिएशन मंडियों में जनसंपर्क अभियान चलाकर 10 सितंबर को गोहाना की अनाजमंडी में सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयारी कर रहे हैं।
गोहाना जाने की तैयारियां मुकम्मल: मेहता
सरसा जिला की अनाजमंडी में भी आढतियान एसोसिएशन के प्रधान मनोहर मेहता, उपप्रधान प्रेम बजाज, सुधीर ललित, महावीर शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा मंडी में जोन बनाकर जनसंपर्क अभियान को सफलतापूर्वक चला रहे हैं। ये पदाधिकारी प्रत्येक प्रतिष्ठान संचालक से मिलकर उन्हें बता रहे हैं कि किस प्रकार ई-नेम प्रणाली के माध्यम से सरकार किसानों व आढतियों के रिश्तों को खराब करना चाहती है। यही नहीं इस प्रणाली से जहां राजस्व की चोरी बढ़ेगी वहीं जीएसटी व मार्केट फीस चोरी की भी संभावना बढ़ेगी।
इन पदाधिकारियों की ओर से गोहाना में व्यापारियों के आयोजन में जाने की तैयारियां लगभग मुकम्मल कर ली गई हैं। इनमें 10 एसी बसों व 60 निजी वाहनों की व्यवस्था की गई है जिसमें सरसा अनाजमंडी से करीब 400 से अधिक व्यापारी 10 सितंबर को गोहाना कूच करेंगे। इन पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार ने यदि इस प्रणाली को जबरन लागू किया तो प्रदेशभर के व्यापारी मंडियों को पूरी तरह से बंद कर अपना रोष जाहिर करेंगे। एसोसिएशन के प्रधान मनोहर मेहता कहते हैं कि इस प्रणाली के लागू होने से व्यापार जगत से जुड़े करीब 32 लाख लोग प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष बेरोजगार हो जाएंगे।
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