आधुनिक एवं वैज्ञानिक खेती के युग में अधिक पैदावार लेने के लिए फसल सुरक्षा को लेकर कीटनाशी, फफूंदनाषी एवं अन्य रसायन जो फसल सुरक्षा में प्रयोग होते हैं, प्राय: बहुत जहरीले व हानिकारक होते हैं। इन रसायनों का प्रयोग करते समय सावधानी रखना भी उतना ही आवश्यक है, जितना कि इनसे फसल सुरक्षा व अधिक पैदावार एवं अच्छी गुणवत्ताा वाली फसल लेकर अधिक लाभ उठाना। फसलों की पैदावार में कमी होने के कई कारणो में से कीट व बीमारियां मुख्य भूमिका निभाते हंै। अधिक उत्पादन लेने हेतु बुआई से पूर्व बीजोपचार तथा बुवाई के उपरान्त कीट नियन्त्रण एवं समय-समय पर बीमारियों से बचाव हेतु विभिन्न रासायनिक दवाओं का प्रयोग किया जाता है। जिनमें से अधिकांश रसायन अति विषाक्त होते हंै। जितनी आवश्यकता इनके प्रयोग करने हैं उससे कहीं अधिक आवश्यकता इनके प्रयोग में सावधानी रखने की है।
जैवनाशकों को निर्धारित मात्रा से अधिक या गलत तरीके से या असावधानी से प्रयोग करने पर कई हानिकारक परिणाम हो सकते हैं। जैवनाशक रसायन न केवल मनुष्यों बल्कि पशुओं पक्षियों इत्यादि के लिए भी अति हानिकारक होते है। इन जैवनाश्क रसायनों के प्रयोग सें किसी भी प्रकार की दुर्घटना या हानि से बचने के लिए या इनका पर्यावरण पर कोई बुरा असर ना पड़ें इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखने के साथ-साथ इनके प्रयोग के समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिये, इनकी जानकारी भी किसानों को होना अति आवश्यक है। जैवनाषकों के घातक प्रभावों से बचने के लिए यह आवश्यक होता है कि उन पर लिखे हुए निर्देशों का पालन नियमानुसार किया जाए। जिनमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। कुछ सावधानियों को ध्यान में रखते हुए यदि रसायनों को प्रयोग किया जाये तो इनसे होने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।
कीटनाशकों की खरीददारी के समय बरते सावधानियां:
कीट व रोग की पहचान व उसकी गम्भीरता के आधार पर सिफारिश किऐ गये कीटनाशक ही खरीदें। इन कीटनाशकों रसायनों के विषैलेपन की जानकारी को पैकिंग पर छपे बर्फीनुमा आकृति के रंगों से समझना चाहिए। लाल रंग सबसे अधिक विषैला तथा पीला, नीला व हरा रंग क्रमश: कम विषैले होते हंै। यथासम्भव सुरक्षित रसायनों का ही चयन करें। इसके निमार्ता, इनमें उपस्थित सक्रिय तत्व तथा निष्क्रिय तिथि को ध्यान में रख कर उसका अनुसरण करें। कीटनाशक खरीदते, उनके भण्डारण व उपयोग करते समय बच्चों को शामिल नहीं करना चाहिए। खुली पैकिंग वाला कीट नाशक कभी नहीं खरीदना चाहिए। कीटनाशक अच्छी गुणवत्ताा का होना चाहिये। जिससे अधिक लाभ मिल सकें।
प्रयोग से पहले ये बरतें सावधानियां:
किसानों को चाहिए कि कीटनाशक के प्रयोग करने से पहले पैकेट पर लेबल व दी गई निर्देश पुस्तिका आवश्य पढेÞ। केवल निर्धारित मात्रा में ही कीटनाशक का प्रयोग किया जाना चाहिए। आवश्यकता से अधिक मात्रा में कीटनाशकों का सेवन करना पर्यावरण और फसलों सहित अन्य जीव जंतुओं के लिए भी हानिकारक होता है। कीटनाशकों के प्रयोग से पहले छिड़काव यंत्र की अच्छी तरह जांच कर लें तथा पानी डालकर ताकि बाद में परिक्षण कोई रिसाव या परेशानी न हों। घर में काम आने वाले बर्तनों को छिड़काव के लिए कभी भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कीटनाशकों को पानी में हाथ से नही मिलाना चाहिए। बल्कि हाथों में दस्ताने पहनकर किसी लकडी की छड़ी से ही मिलाएं। छिड़काव करते समय मुंह पर साफ कपड़ा या मास्क लगा लेना जहा तक संम्भव हो सकें अपने शरीर को कपड़ों से पूरा ढक कर छिड़काव करें। छिडकाव करने से पहले देख लेवे की शरीर का कोई भाग चोटिल नहीं है। यदि चोटिल हो तो किसी दूसरे व्यक्ति से छिड़काव करावायें। यदि बरसात या आंधी आने की संभावना हो तो कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
कीटनाशकों का प्रयोग करते ये बरतें सावधानियां:
कीटनाशकों के डिब्बों को आंंखों व नाक से दूर रखकर खोलें। बीज उपचार करते समय हाथों में दस्तानों का प्रयोग करना चाहिए। बीज उपचार बिजाई से 1-2 दिन पहले कर लेना चाहिए। कीटनाशक का छिड़काव करते समय यह ध्यान रखें की ये रसायन पदार्थ शरीर के किसी भाग पर नहीं गिरना चाहिए। छिड़काव करते समय कम से कम एक आदमी को साथ रखे कभी भी अकेले छिड़काव नहीं करें। कीटनाशकों को घर या पशुओं के रहने के स्थान पर न मिलाएं बल्कि खेत में सुरक्षित स्थान पर ही मिलाएं।