शिक्षकों को धाकड़, सीनियर धाकड़ नोडल अधिकारी का दिया नाम
- जिला, उपमण्डल, कलस्टर तथा ग्राम स्तर पर बनेगी मिशन टीमें
गुरुग्राम(सच कहूँ/संजय मेहरा)। नशा रोकने के लिए अब शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए उन्हें धाकड़ और सीनियर धाकड़ नोडल अधिकारी का नाम दिया गया है। जिला प्रशासन नशे की बुराई को नियंत्रित करने व जिला में नशीले पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए मुहिम चलाएगा। जिला में स्कूलों के आस-पास तंबाकू तथा गुटके की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। स्कूलों के 100 मीटर दायरे में तंबाकू तथा गुटका बेचने वाली दुकानें नहीं होगी।
इसके लिए स्कूल के प्राचार्य की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उसे धाकड़ नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा और विद्यालय के किसी एक अध्यापक को सीनियर धाकड़ तथा विद्यार्थियों में से कुछ विद्यार्थियों को धाकड़ नियुक्त किया जाएगा। ये धाकड़ नोडल, सीनियर धाकड़ तथा विद्यार्थी धाकड़ यह निगरानी रखेंगे कि अपने स्कूल परिसर के 100 मीटर दायरे में तंबाकु उत्पाद तथा गुटके आदि बिक्री की दुकानें ना हों। यदि कोई दुकान खोली जाती है तो उसके बारे में प्रशासन को तत्काल सूचित करेंगे, ताकि उस पर कार्रवाई की जा सके। इसके लिए जिला स्तर, उपमण्डल स्तर तथा ग्राम स्तर पर मिशन टीमें गठित की जाएंगी।
शहरी क्षेत्रों में हर वार्ड के स्तर पर बनेगी टीम
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि जिला में ड्रग्स अर्थात नशीले पदार्थों की तस्करी, बिक्री व प्रयोग आदि पर निगरानी रखने के लिए जिला स्तर, उपमण्डल स्तर व ग्राम स्तर पर मिशन टीमों का गठन किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में हर वार्ड के स्तर पर एक टीम होगी। जिला मिशन टीम में कम से कम 9 सदस्य होंगे और इसमें पुलिस के अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। पुलिस के नारकोटिक्स सैल के डीएसपी को भी सदस्य बनाया जाएगा। इसके अलावा, सिविल सर्जन, जिला न्यायवादी, जिला ड्रग्स नियंत्रक, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सदस्य सचिव व चीफ ज्यूडिशियल मैजिस्टे्रट, जिला शिक्षा अधिकारी और जिला समाज कल्याण अधिकारी को शामिल किया जाएगा।
ग्राम से राज्य स्तर पर 5 स्तरों पर बनेंगी टीमें
एक्शन प्लान के अंतर्गत ग्राम स्तर से लेकर राज्य स्तर तक 5 स्तरों पर मिशन टीमें गठित होंगी। इनमें ग्राम मिशन टीम, क्लस्टर मिशन टीम, सब डिवीजन मिशन टीम, डिस्ट्रिक्ट मिशन टीम और स्टेट मिशन टीम शामिल हैं। बैठक में अपराध से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया गया, जिसमें मुख्य रूप से पोक्सो एक्ट, महिलाओं तथा समाज के कमजोर तबके के खिलाफ अपराध की मॉनिटरिंग, अनुसूचित जाति व जनजाति अधिनियम के तहत चल रहे मामले शामिल थे।
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