शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल में लगे शिविर का 454 मरीजों ने उठाया लाभ

दो दिवसीय ईएनटी हियरिंग एड नि:शुल्क कैंप संपन्न

 जांच के साथ 202 मरीजों के ऑडियोमेट्री टेस्ट व 13 मरीजों के हियरिंग एड ट्रायल टेस्ट हुए फ्री

सच कहूँ/सुनील वर्मा-सुशील कुमार

सरसा। शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल में चल रहा दो दिवसीय ईएनटी हियरिंग एड नि:शुल्क शिविर बुधवार को संपन्न हो गया। शिविर का आसपास व दूरदराज केे 454 मरीजों ने लाभ उठाया। अस्पताल के आरएमओ डा. गौरव अग्रवाल की देखरेख में लगाए गए इस शिविर में अस्पताल की ईएनटी सर्जन डॉ. हिमानी गुप्ता द्वारा मरीजों के कानों की नि:शुल्क जांच कर उन्हें सही परामर्श दिया गया। वहीं कैंप में ऑडियोलॉजिस्ट शिवानी वर्मा, एसएम ऋषि मिश्रा, स्पीच थैरेपिस्ट संजय मोंगा, मानव मेहता, विनोद कंबोज द्वारा मरीजों के सुनने की क्षमता को जांचने के लिए ऑडियोमेट्री व हियरिंग एड ट्रायल टेस्ट फ्री में किए गए। दो दिवसीय शिविर में 454 मरीजों के कानों की जांच के अलावा 202 मरीजों के ऑडियोमेट्री टेस्ट व 13 मरीजों के हियरिंग एड ट्रायल टेस्ट फ्री किए गए। शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सकों के अलावा शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल के पेरामेडिकल स्टाफ ने भी अपनी सराहनीय सेवाएं दी।


बता दें कि 30 व 31 अगस्त दो दिन तक चले इस शिविर में कान की सुनने की समस्या से संबंधित बीमारी का विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जांच की गई। इसके अलावा कैंप में कान की सुनने की जांच, स्पीच थैरपी, हियरिंग एंड टेस्टिंग व कॉक्लीयर इंप्लांट (मशीन) आदि की सेवाएं नि:शुल्क दी गई। साथ ही कैंप के दौरान सभी तरह की मशीनों पर भी 30 प्रतिशत की छूट भी गई।
शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल के आरएमओ डा. गौरव अग्रवाल ने बताया कि पूज्य गुरू संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की शिक्षाओं पर चलते हुए अस्पताल द्वारा समय-समय पर अलग-अलग जगह विभिन्न प्रकार के कैंपों का आयोजन कर बेहतर चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। जिनका मरीजों को काफी फायदा मिल रहा है। इसी के तहत अस्पताल में दो दिवसीय ईएनटी हियरिंग एड नि:शुल्क कैंप लगाया गया। जिसका सैंकड़ों मरीजों ने लाभ उठाया है।


ईएनटी सर्जन डॉ. हिमानी गुप्ता ने बताया कि दो दिवसीय कैंप कान समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए वरदान साबित हुआ है। क्योंकि इस कैंप में फ्री में जांच कराने के पश्चात उन्हें पता चला है कि उन्हें सुनने की समस्या में पर्दे के छेद की दिक्कत है या उनकी नस कमजोर है। यह जानकारी मिलने के पश्चात मरीज सही तरीके से अपना इलाज करवा पाता है। उन्होंने कहा कि जिस मरीज के कान में छेद होता है, उसे अपना कान सुखा रखना चाहिए। पानी अंदर नहीं जाने देना चाहिए।

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