सहरसा (बिहार)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन शिक्षाओं पर चलते हुए राज्य बिहार के ब्लॉक सहरसा में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी कुमोद इन्सां ने एक जरूरतमंद बहन काजल कुमारी को मुश्किल घड़ी में नारायण साईं हॉस्पिटल में खूनदान कर मरीज की जिंगी बचाकर मानवता का फर्ज निभाया। इस नेक कार्य के लिए पीड़ित परिवार के सदस्यगणों, रिश्तेदारों, मित्रों ने डेरा सच्चा सौदा व पूज्य गुरु जी का तेहदिल से धन्यवाद किया।
क्यों करें रक्तदान
हम रक्तदान करके किसी जरूरतमंद को जीवन दान दे सकते हैं। एक यूनिट रक्त दान कर चार जिंदगियां बचा सकते हैं। डॉक्टरों के अनुसार रक्तदान के बहुत फायदे हैं। रक्तदान करने से शरीर में नया रक्त बनता है तथा खून का संचार भी तेज होता है। जिससे हृदय स्वस्थ रहता है। रक्तदान रूपी महादान का मौका आप सभी के पास है।
आइयें, जानते हैं रक्तदान के फायदे:
- रक्तदान से हार्ट अटैक की संभावना कम होती है। क्योंकि रक्तदान से खून का थक्का नहीं जमता, इससे खून कुछ मात्रा में पतला हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा टल जाता है।
- डेढ़ पाव रक्तदान करने से आपके शरीर से 650 कैलोरीज कम होती है।
- आयरन की मात्रा को बैलेंस करने से लिवर हैल्थी बनता है और कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
- रक्तदान से शरीर में एनर्जी आती है। क्योंकि रक्तदान के बाद नया ब्लड सेल्स बनते हैं, जिससे शरीर में तंदरूस्ती आती है।
- रक्तदान करने से वजन कम करने में मदद मिलती है। इसलिए हर साल कम से कम 2 बार रक्तदान करना चाहिए।
रक्त कौन दे सकता है?
ऐसा प्रत्येक पुरूष अथवा महिला:-
- जिसकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच हो।
- जिसका वजन (100 पौंड) 48 किलों से अधिक हो।
- जो क्षय रोग, रतिरोग, पीलिया, मलेरिया, मधुमेंह, एड्स आदि बीमारियों से पीड़ित नहीं हो।
- जिसने पिछले तीन माह से रक्तदान नहीं किया हो।
कितना रक्त लिया जाता है?
- प्रतिदिन हमारे शरीर में पुराने रक्त का क्षय होता रहता है ओर प्रतिदिन नया रक्त बनता रहता है।
- एकबार में 350 मिलीलीटर यानि डेढ़ पाव रक्त ही लिया जाता है (कुल रक्त का 20वां भाग)
- शरीर 24 घंटों में दिए गए रक्त के तरल भाग की पूर्ति कर लेता है।
- ब्लड बैंक रेफ्रिजरेटर में रक्त 4-5 सप्ताह तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
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