सरकारी अस्पताल के स्टाफ ने बदनाम करने के आरोप लगाते हुए
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दो घंटे ओपीडी बंद रखकर की कार्रवाई की मांग
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सोमवार तक कार्रवाई न हुई तो करेंगे अनिश्चित कालीन हड़ताल
अबोहर (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा)। सरकारी अस्पताल में ‘आप’ नेता द्वारा स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में आज स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा तीन घंटे हड़ताल कर संकेतिक धरना दिया। इस दौरान ओपीडी बंद रखी गई। जिसके चलते आम लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। रोष जताते हुए सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों व स्टाफ द्वारा आप नेता के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रशासन के उसपर कार्रवाई की मांग की गई। धरने में संबोधन करते हुए पैरा मेडिकल यूनियन के प्रधान नरैणा राम ने कहा कि सरकारी अस्पताल में यहां के लीडर आकर दखलअंदाजी करते हैं। उसके विरोध में संकेतिक धरना लगा रहे हैं। दो दिन पहले आप के नेताओं द्वारा सरकारी अस्पताल में गलत वीडियो बनाकर स्टाफ को बदनाम किया। जो सरासर गलत है। इसी के विरोध में उन्होंने ये धरना लगाया है। उन्होंने कहा कि आप नेताओं की ये धक्का शाही नहीं चलेगी। इसलिए उन्होंने प्रशासन से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इमरजेंसी में तैनात डॉ. संदीप व डॉ. रोमिल ने कहा कि राजनीति दखलअंदाजी के चलते कई डॉक्टर इस्तीफा दे रहे हैं।
मौजूदा हालातों में भी अस्पताल के दो विशेषज्ञ डा. इस्तीफा दे गए हैं। जो वीडियो सोशल मीडिया पर डाली गई है, वो बिना तथ्य के आधार पर डाली गई है। डा. रोमिल ने कहा कि इससे पहले इन्हीं आप नेताओं द्वारा डा. भावना की भी एक वीडियो वायरल की थी। जिससे उन्हें काफी मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि यदि किसी को डॉक्टर या स्टाफ से कोई परेशानी है या कोई शिकायत है तो वह सीनियर डॉक्टरों से मिल सकते हैं, लेकिन इस तरह सिविल अस्पताल को बदनाम करना ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि सोमवार तक इनके खिलाफ कार्रवाई न हुई तो वह अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर देंगे।
मेरे उपर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद : पंकज नरूला
‘आप’ नेता पंकज नरूला ने कहा कि दो दिन पहले उन्हें सरकारी अस्पताल से फोन आया था, जिन्हें वह जानते भी नहीं हैं। रात 11 बजे फोन आया कि अस्पताल में उन्हें दाखिल नहीं किया जा रहा। पट्टी बिला के तीन मरीज थे, जिन्हें गंभीर चोटें आई थी। जब मरीजों द्वारा स्टाफ से कहा कि पंकज नरूला से बात करने का कहने पर उन्हें दाखिल कर लिया गया। लेकिन अगले दिन फिर उन्हें कॉल आई कि उनका सही से इलाज नहीं हो रहा। इस संबंधी उन्होंने एसएमओ से बात की और उन्हें इस मैटर को देखकर लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी पर कार्रवाई करने की मांग की। ऐसे में उन पर आरोप लगाकर कौन कार्रवाई की मांग कर रहा है। ये जांच का विषय है।
क्या कहते हैं एसएमओ सुरेश कुमार
सिविल अस्पताल के प्रभारी डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि मेरे स्टाफ ने मुझे एक शिकायत दी थी, जो मैंने उच्चाधिकारियों को भेज दी है। कर्मचारियों द्वारा उन्हें दोपहर तक ओपीडी बंद करने की बात कही थी, लेकिन उनके कहने पर उन्होंने दो घंटे की हड़ताल रखी ताकि मरीजों को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि आप नेताओं से पीड़ित एक कर्मचारी द्वारा तो आत्महत्या तक की चेतावनी दी है। जिसकी सूचना उन्होंने उच्चाधिकारियों व पुलिस प्रशासन को भेज दी है। उन्होंने कहा कि मैं भी पुलिस प्रशासन से मांग करता हूं कि इनके खिलाफ बनती कार्रवाई की जाए।
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