सेवा करने वालों के चेहरे पर मालिक का नूर रहता है: पूज्य गुरु जी
पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि इस घोर कलियुग में सेवा करना बड़ा ही मुश्किल है। कोई भागों वाले जीव होते हैं जो सेवा करते हैं। सेवा के साथ-साथ सुमिरन, भक्ति-इबादत की जाए तो किसी भी चीज की कमी नहीं रहती। लेकिन इन्सान सेवा नहीं करता, अगर सेवा करता है तो सुमिरन नहीं करता। सेवा के साथ थोड़ा-थोड़ा सुमिरन हो जाए तो आप परमानंद के काबिल बन जाएंगे। इस घोर कलियुग में अगर आप सुख-शांति चाहते हैं तो चिंता करना, टेंशन लेना छोड़ दो। क्योंकि चिंता ऐसी बला है जो इन्सान को जीते-जी न जाने कितनी बार जलाती है। इस संसार में चिंता जैसा कोई दु:ख नहीं और खुशी जैसी कोई दवा नहीं, लेकिन खुशी वो होनी चाहिए जो अंदर से दिलो-दिमाग पर छा जाए। इसलिए सेवा-सुमिरन में ध्यान लगाओ, अंदर की सफाई करो तो आप अंदर से खुशी हासिल करेंगे और चेहरे पर मालिक का नूर जरूर आ जाएगा।
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