पूज्य गुरु जी का 11वां शाही पत्र सुनकर खुशी में झूम रही साध-संगत

11th Letter of Saint Dr. MSG

 अब मानवता भलाई कार्यो को मिलेगी और गति

 ऐसा लग रहा है जैसे चिट्ठी के माध्यम से पूज्य गुरु जी ने सारी साध संगत को झप्पी में ले लिया हो

चंडीगढ़/सच कहूं (एमके शायना)। आज रक्षाबंधन के उपलक्ष में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने साध-संगत के नाम 11वीं रूहानी चिट्ठी भेजकर साध-संगत को बहुत बड़ा तोहफा दिया है। अपने मुर्शिद की याद में तड़प रही साध-संगत के लिए यह शाही पत्र दिलों में ठंडक डाल रहा है। पूज्य पिताजी ने अपने कर कमलों से लिखे शब्दों को मोतियों की तरह पिरो के साध-संगत के नाम बड़ी बेशकीमती सौगात भेजी है। शाही पत्र में पूज्य पिता जी का बीते 30 दिनों के लम्हों के बारे में जिक्र करना साध-संगत को अतीत के झरोखों में ले गया। इस शाही पत्र ने डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत में मानवता भलाई कार्यों के लिए नया जोश, जज्बा और जुनून भर दिया है। सतगुरु जी का प्रेम भरा पत्र आशीर्वाद के रूप में पाकर साध-संगत एक-दूसरे को बधाईयां दे रही है। देश के कोने-कोने से साध-संगत पूज्य हजूर पिता जी की चिट्ठी आने पर अपनी भावनाओं को कुछ इस प्रकार व्यक्त कर रही है….

जैसे ही मैंने नाम चर्चा के दौरान पूज्य हजूर पिता जी की चिट्ठी सुनी, मेरी आंखों से अश्रु धारा बहने लगी। मैं अपने पीरो मुर्शिद ए कामिल का अरबों खरबों बार शुकराना करती हूं कि आप जी ने इतना कीमती तोहफा हमें रक्षा बंधन दिवस पर दिया। मैं सुबह से बहुत मायूस बैठी थी कि हमारे तो सारे त्यौहार ही पूज्य पिताजी के साथ हैं। पर पावन चिट्ठी सुनकर मैं गदगद हो उठी। मैं पूज्य गुरु जी के परोपकारों का बदला करोड़ों जन्म लेकर भी नहीं उतार सकती।

मनदीप कौर मुल्लापुर पंजाब

पूज्य पिताजी का शाही चिट्ठी भेजने पर हम उनका बहुत-बहुत शुक्रिया करते हैं। पिताजी के मार्गदर्शन के लिए हम उनके आभारी हैं। मैं और मेरे पूरे परिवार ने पिता जी के वचनों अनुसार अपने घर में तिरंगा स्थापित किया है और हम रोज सुबह उठकर तिरंगे को सैल्यूट करते हैं।

स्वाति लोखंडे, आटपाडी , महाराष्ट्र

मुझे घर से मेरी बहन ने फोन करके बताया कि आज नाम चर्चा में अनाउंसमेंट हुई है कि पिताजी की चिट्ठी पढ़ी जाएगी। मेरी आंखों से अश्रु धारा बहने लगी कि पिताजी हम सब का कितना ख्याल रखते हैं। मैं ड्यूटी पर था और आज सुबह से मेरा मन नहीं लग रहा था पर पिताजी तो सब जान ही जान हैं। उन्होंने पावन चिट्ठी भेजकर मेरे मन की सारी बातें चिट्ठी में लिख दी। बच्चा तड़पता है तो मां को तो पहले पता होता है। मैं पूज्य गुरु जी का ऋण कभी नहीं उतार सकता। मेरा गुरु धन्य है।

संदीप इन्सां, इपीएफ कंसलटेंट फगवाड़ा

दुनिया में चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। तरह-तरह की बीमारियां पनप रही हैं। अभी लंपी स्किन नामक बीमारी ने गौमाता ऊपर अपना कहर मचा रखा है। आज पूज्य गुरुजी ने चिट्ठी के माध्यम से गौ माता पर परोपकार करते हुए उन्हें इस नामुराद बीमारी से निजात दिलाने के लिए दुआ की। आंखें भर आती हैं यह सोच कर कि पूज्य गुरु जी हर जीव पर कितनी ज्यादा दया कृपा करते हैं।

इन्द्रजीत इन्सां कोटा राजस्थान

 

डॉक्टर होने के नाते हम मरीज की पीड़ा को समझ सकते हैं। पर संतो को तो पूरी सृष्टि की फिक्र होती है। वह हर जीव के दर्द को बखूबी समझते हैं। पूज्य गुरु जी हमेशा से मानवता की भलाई के लिए जोरों शोरों से काम करते आ रहे हैं। पूज्य पिताजी ने जो गौ माता के लिए दुआ की है हमें उम्मीद है जल्द ही लंपी स्किन बीमारी का इलाज पता चलेगा और गौमाता को इस नामुराद बीमारी से निजात मिलेगी।

डॉ. अजय इन्सां और डॉक्टर मीना इन्सां एमडी आयुवेर्दा, शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल सिरसा।

आज पूज्य गुरु जी के शाही पत्र को सुनकर ऐसा लगा जैसे पूज्य गुरु जी ने पूरी सृष्टि को अपनी झप्पी में ले लिया हो। रुहें तड़प रही थी मुर्शिद के वचनों को सुनने के लिए‌। आज सतगुरु जी की प्रेम भरी चिट्ठी संगत के समक्ष आई तो साध-संगत का अपने मुर्शिद प्यारे के लिए प्रेम आंखों से आंसूयों के रूप में बाहर आ रहा था। मैं पूज्य गुरु जी का अरबों खरबों बार शुक्रिया करती हूं कि उन्होंने हम तड़पती रुहों की पुकार सुन हमारे लिए चिट्ठी भेजी।

डॉ मोनिका इन्सां , एमएस (आप्थाल्मोलोजिसट) कॉर्निया कॉन्ट्रैक्ट एंड रिफ्रैक्टिव आई सर्जन, सिरसा

पूज्य गुरु जी ने आज चिट्ठी भेजकर पूरी साध-संगत को खुशियों से लबरेज कर दिया। मैंने पूज्य गुरु जी जैसा देश प्रेमी आज तक नहीं देखा। आज शाही पत्र में फिर पूज्य गुरुजी ने घर-घर तिरंगा फहराने के लिए आवाहन किया है। पूज्य गुरु जी के मार्गदर्शन में मैं अब तक 5 एशिया बुक आॅफ रिकॉर्ड बना चुका हूं। यह सब पूज्य गुरु जी की प्रेरणा का ही कमाल है।

नितिन इन्सां नोएडा

कहते हैं बच्चे को कब क्या चाहिए सब मां को पता होता है। आज मैं भी सुबह से वैराग्य में थी कि बहुत समय से पूज्य गुरुजी का कोई खत नहीं आया। मैं वैराग्य में ” मेरे गुरु का पत्र कोई आया” शब्द को बार-बार सुन रही थी। आज जब नाम चर्चा में पूज्य पिताजी की पावन चिट्ठी को सुना तो मैं बस रोती रही और बार-बार पिताजी का शुकराना करती रही कि आप तो घट घट की जानने वाले हो। मेरा रोम रोम पूज्य पिताजी का करजाई है। सारी साध संगत पूज्य गुरु जी के वचनों का अनुसरण करते हुए घर-घर तिरंगा फहराएगी और मुर्शीद पर पहले से ज्यादा दृढ़ विश्वास रखेगी।

निधि मुखीजा जीरकपुर

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