गांव मसीतां व ब्लॉक डबवाली के डेरा सच्चा सौदा श्रद्धालुओं ने बनाकर दिया पूरा मकान
डबवाली। (सच कहूँ/गुरसाहब अलीकां) जब अपनों पर दु:खों का पहाड़ टूटता है तो रिश्तेदार और परिवार भी एक पल के लिए साथ छोड़ जाते हैं। ऐसे में वो इंसान ये ही सोचेगा कि, जब अपनों ने ही मद्द के लिए हाथ नहीं बढ़ाया तो कोई गैर क्या उसकी मद्द करेगा? ऐसे में सिर्फ डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी ही हैं जो दूसरों के लिए जीते हैं। बस मद्द की एक पुकार मिलनी चाहिए और वो पल भर में फरिश्तें बनकर पहुंच जाते हैं। ऐसा ही इंसानियत का उदाहरण पेश किया है ब्लॉक डबवाली व गांव मसीतां की साध-संगत ने। साध-संगत ने एक जरूरतमंद विधवा महिला के दर्द पर मद्द का मरहम लगाते हुए उसे पूरा मकान बनाकर दिया है। जिसका सारा खर्च साध-संगत द्वारा उठाया गया है।
अपने बरसों के सपने को सच होता देख महिला के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वहीं इस सेवा कार्य कर समाज के गणमान्य लोगों द्वारा भी भरपूर सराहना की जा रही है। जानकारी देते हुए 15 मैंबर जगसीर सिंह इन्सां ने बताया कि गांव निवासी महिला मंजू रानी जिनके पति की मृत्यु हो चुकी है व महिला के चार बच्चे हैं। दो लड़कियां व दो लड़के जो की अभी नाबालिग हैं। उक्त महिला ने जब साध-संगत के पास आर्थिक स्थिति बताते हुए मकान बनाकर देने की गुहार लगाई तो सेवादारों ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा शुरू की गई आशियाना मुहिम के तहत महिला को घर बनाकर देने का फैसला लिया।
मकान बनाने में इन सेवादारों ने दिया सहयोग
मिस्त्री जरनैल सिंह इन्सां, बलविंदर सिंह इन्सां, नाजर सिंह इन्सां, हरदीप सिंह इन्सां, जगसीर सिंह इन्सां, बिंदर सिंह इन्सां, बग्गा सिंह, गुरनाम सिंह, जितेंद्र वीर इन्सां, गुरमेल इन्सां, लाल चंद, सुखदेव सिंह, हरबंस लाल,
मिठ्ठु सिंह, दिशोर चंद, जसप्रीत सिंह, राजकुमार के अलावा 15 मैंबर श्योनरायण इन्सां, जगसीर ंिसंह इन्सां, भिंदर इन्सां व विक्की इन्सां सहित अन्य साध-संगत व जिम्मेवारों ने सहयोग किया।
आंखों से झलके खुशी के आंसू, पूज्य गुरु जी का जताया आभार
डेरा अनुयायियों की मद्द मिलने से मंजू रानी के आंखों से खुशी के आंसू नहीं थम रहे थे। उन्होंने बताया कि पति की मृत्यु के बाद घर का गुजारा चलाना बेहद मुश्किल हो गया था व घर की हालत बेहद जर्जर हो चुकी थी। जिसके देखते हुए डेरा अनुयायियों ने मुझे मकान बनाकर दिया है। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचाा था कि ये मेरा पक्का मकान होगा। मैं पूज्य गुरु जी व साध-संगत का जितना धन्यवाद करूं कम है। मंजू रानी ने कहा कि साध-संगत ने उसे जर्जर मकान से छुटकारा ही नहीं दिलाया बल्कि आज ये साबित कर दिया है जब तक इस समाज में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी है कोई बेघर नहीं हो सकता।
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