पटना (एजेंसी)। बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार एक ऐसे दूल्हा हैं, जिनकी पालकी सभी राजनीतिक दल उठाना चाहते हैं। इसी का नतीजा है कि कुमार अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से रिश्ता तोड़ चुके हैं लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने उन्हें तुरंत समर्थन देने की घोषणा कर दी। ऐसे में अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होकर भी कुमार फिर से राजद के समर्थन से मुख्यमंत्री बने रहेंगे। कुमार को चाहे भाजपा हो या राजद या कांग्रेस या फिर वामपंथी दल समेत अन्य दलों का उन्हें बगैर शर्त समर्थन देने का कारण भी बेहद खास है। कुमार को भले ही राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कभी पलटूराम कहा था लेकिन आज जब कुमार ने भाजपा से नाता तोड़कर पलटी मारी तो राजद अध्यक्ष यादव की पार्टी ने ही उन्हें बिहार सरकार का दूल्हा यानी मुख्यमंत्री बनाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया। सत्ता के लिए दो धुर विरोधियों का एक साथ आना अपने आप में बेहद खास है।
बिहार में राजग सरकार का आज अंतिम दिन: महबूब
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी -लेनिनवादी (भाकपा-माले) के बिहार के बलरामपुर से विधायक महबूब आलम ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार का आज अंतिम दिन है। आलम ने मंगलवार को यहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन की राबड़ी आवास पर होने वाली बैठक में शामिल होने से पूर्व पत्रकारों से बातचीत में साफ कर दिया कि प्रदेश में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। सबकुछ तय हो गया है। माले विधायक ने कहा कि आज बिहार सरकार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विदाई निश्चित है। इसे कोई भी रोक नहीं सकता है।
वहीं, राजद विधायकों ने भी अब साफ कर दिया कि बिहार की सत्ता से भाजपा को उखाड़ फेंकने की पूरी तैयारी हो गई है। अब सिर्फ घोषणा किया जाना बाकी है। इस दौरान जब बैठक में शामिल होने पहुंचे विधायकों से पूछा गया कि महागठबंधन की तरफ के बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर किसी भी विधायक ने स्पष्ट कहने से मना कर दिया। वहीं, कुछ विधायकों ने कह दिया कि श्री तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की जाएगी।
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