देखते ही देखते बन गया मजदूर का ‘आशियाना’
सच कहूँ/राजू ओढां। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी लोगोंं का दु:ख-दर्द ही नहीं बांटते बल्कि उसे दूर भी करते हैं। पिछले लंबे समय से खुले आसमान के नीचे रहने वाले एक परिवार के लिए ब्लॉक श्री जलालआणा साहिब की साध-संगत इस कदर मद्दगार साबित हुई कि देखने वालों के मुंह से एक ही बात निकली की वाह! ये होती है मानवता की नि:स्वार्थ सेवा। मजदूर जोनी की करीब 2 वर्ष पुरानी समस्या का डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियोें ने मात्र एक दिन में ही समाधान कर दिया। इस कार्य की पूरी मंडी कालांवाली में चर्चा हो रही है। दरअसल मंडी कालांवाली के वार्ड नंबर-1 में रहने वाले मजदूर जोनी का करीब 2 वर्ष पूर्व कमरा गिर गया था। घर के नाम पर जोनी के पास बस यही कुछ था। ऐसे में जोनी अपनी पत्नी व 4 लड़कियों के साथ खुले आसमान के नीचे रहने को विवश था। इस बात का पता जब मंडी कालांवाली की साध-संगत को लगा तो उन्होंने ब्लॉक श्री जलालआणा साहिब की कमेटी से विचार विमर्श कर मजदूर की मदैद के लिए हाथ बढ़ा दिए। बुधवार को बड़ी संख्या में साध-संगत साजो सामान लेकर जोनी का आशियाना बनाने पहुंच गई। निर्माण कार्य की शुरुआत बेनती भजन के साथ हुई जिसके बाद साध-संगत ने इलाही नारा लगाते हुए कार्य शुरू कर दिया। देखते ही देखते मकान बनना शुरू हो गया।
चाय-पानी व लंगर भी लेकर आए अपना
डेरा अनुयायियों ने मजदूर जोनी के घर से खाना तो दूर पानी तक नहीं पिया। साध-संगत ने चाय-पानी व लंगर का प्रबंध भी अपने स्तर पर कर रखा था। सैकड़ों की तादाद में साध-संगत को तन्मयता के साथ जुटे देख मोहल्ले के लोग हैरानीवश घरों से बाहर निकल आए। उनका कहना था कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी वास्तव में फरिश्तों के समान है। वहीं उन्होंने साध-संगत के इस जज्बे पर पूज्य गुरु जी की सराहना करते हुए कहा कि धन्य हैं ऐसे गुरु जो अपने शिष्यों को ऐसी शिक्षा देते हैं।
देखने को मिला बे-मिसाल सेवा का जज्बा, बुजुर्ग भी रहे आगे
इस सेवा कार्य में साध-संगत में इस कदर उत्साह देखा गया कि भीषण गर्मी की परवाह किए बगैर साध-संगत बिना रुके-बिना थके तन्मयता के साथ जुटी रही। इस सेवा में भाईयों के अलावा बहनों एवं बुजुर्ग सेवादारों का जज्बा भी देखने योग्य था। हर कोई इस कार्य में अपना योगदान निभाने को आतुर दिखा। सेवा कार्य में हाथ बंटाने आए मंडी कालांवाली निवासी 82 वर्षीय मा. वीर सिंह इन्सां, गांव दादू निवासी 70 वर्षीय दर्शन सिंह इन्सां, गांव गदराना निवासी 67 वर्षीय कुलवंत इन्सां व राजमिस्त्री का कार्य करने वाले गांव कुरंगावाली निवासी 65 वर्षीय बलवीर सिंह इन्सां सहित अन्य बुजुर्ग सेवादार भाई-बहनों ने जोश दिखाते हुए कहा कि पूज्य गुरु जी ने उनमें सेवा का ये हौसला भरा है।
2 वर्ष की समस्या का मात्र एक दिन में हुआ समाधान
इस सेवा कार्य में 60 बहनें व 40 भाईयों के अलावा 8 राज मिस्त्रियों ने योगदान दिया। जिस जगह पर र्इंटों का मलबा पड़ा था वहां देखते ही देखते मिट्टी की भरती हुई, नींव भरी गई और फिर एक मकान खड़ा हो गया। मजदूर जोनी की 2 वर्ष की समस्या का मात्र एक दिन में समाधान होने पर पूरी मंडी में चर्चा रही। 2 वर्षांे से खुले आसमान के नीचे रहने वाले जोनी व उसके परिवार को आशियाना मिल गया।
डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी वास्तव में मानवता के सच्चे सेवक हैं। मैंने इन्हें नि:स्वार्थ सेवा करते बहुत बार देखा है। आज मकान निर्माण का कार्य देखकर मुझे इस बात की खुशी हुई कि मजदूर जोनी के सिर पर आखिर छत डल गई। इस नेक कार्य पर मेरी तरफ से सभी को साधुवाद।
-सुनीता रानी, एमसी (वार्ड नंबर 1, कालांवाली)।
पूज्य गुरु जी के पावन वचनों पर चलते हुए ब्लॉक कमेटी ने साध-संगत के साथ विचार विमर्श कर मजदूर जोनी को आशियाना बनाकर देने का निर्णय लिया था। ब्लॉक की साध-संगत ने मिलकर जोनी को मात्र एक दिन में ही मकान बनाकर दे दिया। साध-संगत जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हर समय तत्पर है।
सुरजीत इन्सां, ब्लॉक भंगीदास (श्री जलालआणा साहिब)।
मेरे पास शब्द नहीं, जो पूज्य गुरु जी व साध-संगत का आभार व्यक्त कर सकूं
जोनी अनाज मंडी में दिहाड़ी-मजदूरी करता है, जबकि उसकी पत्नी नैना देवी लोगों के घरों में झाड़ू-पोच्छा करती है। उनके 4 लड़कियां हैं। पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चलने के कारण जोनी की दिहाड़ी भी छूट गई। जिसके चलते मकान बनाना तो दूर उनके लिए पेट भरना भी मुश्किल साबित हो रहा था। जोनी व उसकी पत्नी ने कहा कि उनके पास शब्द नहीं है जो वे पूज्य गुरु जी व साध-संगत का आभार व्यक्त कर सके। उन्होंने कहा कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी लोगों का दु:ख पूछते ही नहीं दूर भी कर देते हैं। साध-संगत ने उक्त परिवार को राशन भी दिया।
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