सच कहूँ/रघबीर सिंह
लुधियाना। राष्टमंडल खेल-2022 में वेट लिफ्टिंग में कांस्य पदक जीतने वाले गुरदीप सिंह के घर शादी जैसा माहौल है। लोग उसके परिवारों को बधाईयां देने के लिए आ रहे हैं। एक दूसरे का मुंह मीठा करवा रहे हैं। गुरदीप सिंह खना के निकटवर्ती गांव माजरी का रहने वाला है और किसान परिवार से संबंधित है। गुरदीप सिंह ने कॉमनवेल्थ गेम्स में 4 साल पहले टूटे कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने के सपने को आखिर पूरा कर लिया। 2018 में भी इन खेलों में हिस्सा ले चुके गुरदीप सिंह को उस वक्त कोई मेडल नहीं मिला था। गुरदीप ने हार तो स्वीकारी लेकिन निराशा को हावी नहीं होने गिया। कड़ी मेहनत जारी रखी और आखिर चार साल के बाद कांस्य पदक जीतने में सफल रहा। 109 प्लस भार वर्ग वेटलिफ्टिंग में भारत का राष्ट्रमंडल खेलों में यह पहला पदक है।
घर पर संगीत की धुन
जीत के बाद से ही गुरदीप के घर पर जश्न का माहौल है। घर पर संगीत की धुन पर नाच हो रहा है। गांव भर में लड्डू बांटे जा रहे हैं। घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है। पिता भाग सिंह ने भावुक होते हुए बताया कि गुरदीप की सफलता के पीछे उसकी बहुत कड़ी तपस्या है। उसने 2009 से गेम शुरु की थी। आज उसने 109 प्लस वर्ग में देश के लिए पहली बार मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया है। गुरदीप की बड़ी बहन मनवीर कौर ने कहा कि गुरदीप के लिए यह पदक बहुत मायने रखता है। इसके पीछे उसकी सालों की कड़ी मेहनत है। यह रक्षा बंधन से पहले मेरे लिए तोहफा है।
27 साल के गुरदीप सिंह का पदकों से पुराना नाता
बचपन से अब तक गुरदीप को मेहनत कराने वाले पंजाब खेल विभाग के कोच शुभकरण सिंह गिल ने कहा कि उनका शिष्य गुरदीप हीरा है। अभी उसे कईं पायदान और चढ़ना है। मेहनत के मामले में गुरदीप का कोई मुकाबला नहीं है। किसी भी मौसम में वह कड़ी प्रेक्टिस जारी रखता था। उसने कभी भी अपने खेल पर किसी और चीज को हावी नहीं होने दिया। 2015 तक वह उनके पास रहा। उसके बाद नेशनल कैंप में उसकी सिलेक्शन हो गई। उन्हें गुरदीप पर गर्व है। गुरदीप खन्ना के एएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल का छात्र रहा है और इसी स्कूल के खेल मैदान में बने खेल विभाग के केंद्र में उसने प्रैक्टिस की शुरुआत की। 27 साल के गुरदीप सिंह का पदकों से पुराना नाता रहा है। हर स्तर के मुकाबलों में वह अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाता रहा है।
एयरफोर्स की नौकरी
गुरदीप ने 2010 में पंजाब स्टेट ग्रमीण खेलों में स्वर्ण पदक से अपने सफर की शुरुआत की। इसके बाद 2011 में जूनियर स्टेट चैंपियनशिप में रजत पंजाब स्टेट स्कूल गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। इसी साल नेशनल ग्रामीण खेलों में भी रजत पदक जीता। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 2016 में गुरदीप एशियन चैंपियनशिप के लिए उजबेकिस्तान गया लेकिन सफलता नहीं मिली। 2016 की साऊथ एशियन गेम्स में गुरदीप ने रजत पदक जीता। इसके बाद दो बार कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गुरदीप ने कांस्य पदक जीते। गुरदीप सिंह को 2015 में रेलवे में नौकरी मिल गई। बाद में उसे एयरफोर्स की नौकरी के भी आॅफर आए। आज वह रेलवे में सीनियर इंस्पेक्टर आफिसर के तौर पर कार्यरत है और उसकी पोस्टिंग मुंबई में है।
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