- ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों के साथ गर्मजोशी से किया भव्य स्वागत
- लेफ्टिनेंट अनु नैन ने गोरखपुर में प्रवेश करते ही सबसे पहले शहीद राजेश कुमार की प्रतिमा पर पुष्प चक्र चढ़ाकर नमन् किया
भूना (सच कहूँ न्यूज)। गांव गोरखपुर की बेटी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर पहली बार बुधवार को अपनी जन्मभूमि में पहुंची तो ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों के साथ गर्मजोशी से भव्य स्वागत किया। महिलाओं एवं बच्चों ने फूलों की वर्षा करके रिश्ते में अपनी बहन बेटी को सेल्यूट भी किए। लेफ्टिनेंट अनु नैन ने गोरखपुर में प्रवेश करते ही सबसे पहले शहीद राजेश कुमार की प्रतिमा पर पुष्प चक्र चढ़ाकर नमन् किया। लेफ्टिनेंट ने शहीद राजेश कुमार की कुर्बानी को लेकर उनकी माता कैलाशो देवी-पिता बलवान सिंह के चरण स्पर्श किए और उन्हें शाल उड़ाकर प्रणाम किया। शहीद परिवार ने लेफ्टिनेंट अनु नैन को देश की गौरव बेटी के रूप में स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया। शहीद के भाई राजबीर सिंह ने कहा की गोरखपुर की बेटी अनु नैन ने गोरखपुर ही नहीं अपितु जिला फतेहाबाद तथा पूरे हरियाणा का मान बढ़ाया है। सेना में अफसर बनने के बाद पहली बार अपनी जन्मभूमि में आने पर ग्राम वासियों ने अपनी अफसर बिटिया को आंखों की पलकों पर बिठाया। अनू नैन का 20 अगस्त 2021 को भारतीय सेना में मेडिकल विभाग से लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुआ है। अनु ने सेना में आॅफिसर बनकर गोरखपुर जैसे ग्रामीण कस्बा के साथ जिले का नाम रोशन किया है। इस मौके पर बलबीर सिंह, निहाल सिंह आर्य, हंसराज सिवाच, राजबीर सिवाच, पूर्व सरपंच जोगिंदर सिंह, गो सेवक शमशेर आर्य, सतपाल सिंह सहित काफी संख्या में गांव के गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
शहीद के वृद्ध माता-पिता को विंग कमांडर ने किया सम्मानित
लेफ्टिनेंट अनु नैन के पिता सतपाल नैन के पांच भाई गांव में खेती-बाड़ी करते हैं। जबकि सतपाल ने भारतीय सेना में विंग कमांडर पद पर देश के लिए सेवाएं दे रहे हैं। जो पिछले करीब 27 वर्षों से परिवार सहित बैंगलोर में रह रहे हैं। वही अनु नैन के भाई अतुल नैन एयरफोर्स में बतौर कैप्टन पद पर सेवाएं दे रहा है। गांव गोरखपुर में अनू नैन का जन्म हुआ था और अलग-अलग शहरों में शिक्षा ग्रहण की थी। अनु ने उच्च शिक्षा के बल पर 20 अगस्त 2021 को लेफ्टिनेंट भर्ती में चयन हुआ। लेकिन पिछले एक वर्ष से चेन्नई में भारतीय सेना की ट्रेनिंग प्रक्रिया 30 जुलाई 2022 को पूरी करने के बाद अपने पिता से जन्मभूमि की पवित्र मिट्टी को नमन् करने का फैसला लिया। लेफ्टिनेंट ने धार्मिक पवित्र स्थलों के भी मौके पर जाकर दर्शन किए। शहीद राजेश कुमार के वृद्ध माता-पिता को विंग कमांडर ने भी सम्मानित किया।
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