राज्यसभा में हरभजन सिंह ने अफगान सिखों का मुद्दा उठाया, कहा केन्द्र सरकार उनकी सुरक्षा पर ध्यान दे

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। राज्यसभा में पिछले दो सप्ताह से भी अधिक समय से चले आ रहे हंगामे के बाद मानसून सत्र में बुधवार को पहली बार शून्यकाल की कार्यवाही सुचारू ढंग से चली और सदस्यों ने इस दौरान जनहित तथा देशहित से जुड़े सवाल पूछे तथा मुद्दों को उठाया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर पैदा हुए गतिरोध के कारण पिछले 12 दिनों में एक दिन भी शून्यकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी थी और हंगामे के कारण हर रोज कार्यवाही स्थगित करनी पड़ रही थी। बुधवार को भी विपक्ष के अनेक सदस्यों ने नियम 267 के तहत कार्यस्थगन के प्रस्ताव का नोटिस देकर सरकारी एजेन्सियों के दुरुपयोग तथा अन्य मुद्दों को उठाने की कोशिश की लेकिन सभापति ने कहा कि उन्होंने इन नोटिसों को स्वीकार नहीं किया है।

उन्होंने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और शिव सेना की प्रियंका चतुवेर्दी को उनके विषय का उल्लेख करने का मौका देते हुए कहा कि वह केवल विषय का जिक्र कर सकते हैं इस पर चर्चा नहीं कर सकते क्योंकि अभी शून्यकाल की कार्यवाही का समय है। उन्होंने कहा कि इस सत्र में हंगामे के कारण बहुत समय बर्बाद हो चुका है और 280 मुद्दे शून्यकाल के तहत नहीं उठाये जा सके। खड़गे ने कहा कि सरकार केन्द्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विरोधियों के खिलाफ अभियान चला रही है।

श्रीमती चतुवेर्दी ने कहा कि राज्यसभा के एक सदस्य को नियमों की अनदेखी कर गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद नायडू ने शून्यकाल की कार्यवाही शुरू की और सदस्यों ने अपने अपने मुद्दे उठाये। बीच में नायडू ने कहा कि यह सदन के सुचारू ढंग से चलने का फायदा है कि सदस्य जनहित और देशहित के मुद्दे उठा पा रहे हैं।

हरभजन सिंह ने उठाया अफगान सिखों का मामला

बुधवार को राज्यसभा में आप पार्टी के राज्यसभा सांसद पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने अफगानी सिखों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद वहां सिर्फ 150 सिख बचे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार उनकी सुरक्षा मामले पर गंभीरता दिखाए।

आतंकवाद के उन्मूलन तक मोदी सरकार की कार्रवाई जारी रहेगी

देश में आतंकवादी गतिविधियों के उन्मूलन के लिए आतंकवाद निरोधक कानून ( यूएपीए) में अब तक चार बार संशोधन किया जा चुका है और आतंकवाद के मामले में धर्म के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी। श्री राय ने कहा कि इस कानून के तहत किसी निर्दोष व्यक्ति के विरूद्ध कार्रवाई नहीं हो इसलिए ही इस कानून में अब तक चार बार संशोधन हो चुका है और जरूरत पड़ने पर संशोधन किया जायेगा। यह कानून आंतकवाद पर रोकथाम के लिए नहीं बल्कि उन्मूलन के लिए है और मोदी सरकार आतंकवाद से निपटने में कोई कौताही नहीं बरत रही है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश में आंतकवाद के उन्मूलन को लेकर स्पष्ट है और इससे किसी तरह का समझौता नहीं किया जायेगा। केन्द्र सरकार जब इस कानून का उपयोग करती है तो वैसे मामले में शत प्रतिशत तक सजा हुयी है लेकिन राज्यों के मामले में कुछ अंतर हो सकता है। राज्य अपने स्तर से इसके तहत कार्रवाई करती है और ऐसे मामले में कानून व्यवस्था का मामला राज्यों के पास है।

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