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नेत्रदान कर पेश की मिसाल, आंखें दो लोगों की जिंदगी करेगी रोशन
सरसा। (सच कहूँ/सुनील वर्मा) बचपन की प्रभु भक्ति को सर्वश्रेष्ठ माना गया है और पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के एक ओर शिष्य ने बाल्यावस्था में देहदान व नेत्रदान की अनूठी मिसाल कायम की है। क्योंकि इस आयु में बच्चे का देहदान व नेत्रदान करना तो दूर सोचना भी आम लोगों के लिए काफी मुश्किल है। डेरा श्रद्धालुओं के इस कार्य की चहुँ ओर प्रशंसा हो रही है। दरअसल ब्लॉक कल्याण नगर की प्रीत सागर गली नंबर 3 निवासी जितेन्द्र पाल इन्सां का 12 वर्षीय लड़का सहमीत इन्सां शुक्रवार को अपनी सांसारिक यात्रा पूरी करके कुल मालिक के चरणों में सचखंड जा विराजा। सचखंडवासी बच्चे सहित पूरा परिवार डेरा सच्चा सौदा का अनथक सेवादार है तथा बच्चे ने भी जीते जी देहदान व नेत्रदान का संकल्प लिया हुआ था।
परिवार ने इस दुख की घड़ी में खुद को संभालते हुए पूज्य गुरु जी की पावन शिक्षाओं पर बच्चे की अंतिम ख्वाहिश को पूरा करते हुए अमर सेवा मुहिम के तहत सहमीत इन्सां के मृत देह को मेडिकल रिसर्च हेतु अल फलाह स्कूल आफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर धौज फरीदाबाद को दान किया है। जबकि उनकी आंखे शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल स्थित पूज्य माता करतार कौर जी इंटरनेशनल आई बैंक में दान की गई।
फूलों से सजी एंबुलेंस में किया रूखस्त
इससे पूर्व सचखंडवासी सहमीत इन्सां के आवास पर धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का इलाही नारा व अरदास का शब्द बोला गया। इसके पश्चात फूलों से सजी एंबुलेंस में मृत देह को रखा गया और शाह मस्ताना जी धाम तक सहमीत इन्सां की अंतिम यात्रा निकाली गई। इस दौरान उनके साथ चल रहे शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारोंं ने शरीरदानी सहमीत इन्सां अमर रहे, अमर रहे, के नारे लगाए। बाद में शाह मस्ताना जी धाम से सचखंडवासी सहमीत इन्सां को नम आंखों से मेडिकल कॉलेज के लिए रूखस्त किया गया।
हनों ने दिया अर्थी को कंधा
इस दौरान 12वर्षीय शरीरदानी सहमीत इन्सां की बहन शारु इन्सां, जश्न इन्सां, एसनूर इन्सां व हर्षिता इन्सां पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए भाई की अर्थी को कंधा देकर समाज के सामने एक अच्छा संदेश दिया। इस कार्य की कॉलोनी वासियों ने काफी सराहना की।
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