सवाल : गुरु जी मैं साँपों को जिंदा पकड़कर उन्हें दूर छोड़ आता हूँ, लेकिन कुछ लोग मुझसे जलते हैं, क्या करूं?
पूज्य गुरु जी : लोग क्यों जलते हैं भाई बल्कि उनको तो खुश होना चाहिए कि साँप से बचा लिया आपने। जब आश्रम बना यहां कोबरा निकले थे तब, तो ये तो निकलते रहेंगे। तो यहां बहुत सारे बच्चे साँपों को पकड़ते हैं, बोतल में डालते हैं, क्योंकि सांई जी के वचन हैं यहां किसी जीव को नहीं मारा जाता और ऐसा करने से रोका जाता है। साँपों को पकड़ते हैं, उनको बीस लीटर की खाली पानी की बोतल में डालते हैं और जंगल में छोड़ आते हैं। तो सारे लोग बहुत खुश होते हैं कि ये बहुत बढ़िया काम कर रहा है। तो कोई बात नहीं आप अपना अच्छे से कीजिये, लेकिन थोड़ा ध्यान रखा करें, क्योंकि ये खतरनाक भी होते हैं।
सवाल : गुरु जी आपने अपने करोड़ों फॉलोअर्स को तिरंगा फहराने के लिए कहा है, ऐसी देशभक्ति की भावना भरने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
पूज्य गुरु जी : हम तो हमेशा देश हित के लिए, समाज हित के लिए दिन-रात लगे रहते हैं। बड़ी खुशी है कि हमारे देश का झंडा ऊँचा रहे, बुलंद रहे और देश स्वच्छ हो इसके लिए भी हम लगे हुए हैं।
सवाल: गाय को आपने रोटी खिलाने का मानवता भलाई कार्य आपने शुरू किया है। उसमें गाय को सिर्फ एक समय ही रोटी खिलानी है या तीनों समय रोटी खिलानी है?
पूज्य गुरु जी : जितने टाइम आप रोटी खाओ उतनी बार खिला दो तो और भी अच्छा है। वैसे एक टाईम भी काफी है। अगर गाय उपलब्ध नहीं है तो रोटी का चूरा करके चीटियों के बिल के पास डाल दें।
सवाल : पिता जी स्पोर्ट्स और पढ़ाई एक साथ नहीं हो पाती, कृपा इस प्रोब्लम का सोल्यूशन बताएं?
पूज्य गुरु जी : ये तो आपका सोचना ही गलत है। स्पोर्ट्स और पढ़ाई दोनों अलग-अलग सब्जेक्ट्स हैं। दोनों ही एक-दूसरे के लिए बहुत कमाल के हैं। मान लीजिये आप पढ़ते हैं। उसमें फोकस हट गया, आप खेलने लग जाइये। शारीरिक मेहनत करेंगे, अच्छी नींद आएगी, जब जागेंगे माइंड फ्रेश होगा, पढ़ने लगोगे तो बहुत बढ़िया आपके माइंड में बैठेगा। तो ये आपका भ्रम है कि स्पोर्ट्स बाधा है, ऐसा कुछ नहीं है। बहुत सारे स्पोर्ट्समैन इंजीनियर भी रहे हैं, बहुत अच्छे आलम-फाजल भी थे, जो गेम्स में भी टॉप कर गए। सो ये आपका भ्रम है, अगर आपकी सोच ऐसी बन गई है तो मुश्किल है, अदरवाइज ऐसा कुछ नहीं है।
सवाल : कुछ लोगों ने लिखा है कि आपके साथ हनीप्रीत क्यों बैठी है?
पूज्य गुरु जी : बेटी है भाई और रूहानी बहन है हमारे सारे प्रेमियों की। ये हमने बोला है कि वो रूहानी बहन है। तो हमें नहीं लगता कि आपको एतराज होना चाहिए। बाप के साथ बेटी बैठ जाए तो क्या तकलीफ है। पूरी साध-संगत चाह रही थी, करोड़ों लोग चाहे रहे थे कि एफडीडी को देखना है। बेटी साथ बैठी है तो समझ नहीं आई कि क्यों का क्या मतलब हुआ। बाप हैं, इधर अपनी बेटी को बैठा लिया, उधर बेटे बैठे हैं, सारे बैठे हैं। तो हमें नहीं लगता कि बाप-बेटी बैठे हैं तो किसी को कोई तकलीफ होनी चाहिए।
सवाल : सिविल इंजीनियर हूँ, प्लीज गाइड करें जी?
पूज्य गुरु जी : अच्छी बिल्डिंग, ढंग का मसाला लगाना भाई। गिर ना जाएं इसका ध्यान रखना, ठीक है और पूरा आशीर्वाद। घोटाले से समाज को बचाना।
सवाल : पूज्य पिता जी आपजी ने लाइव आकर जिन लोगों के भी गियर अड़े हुए थे सारे निकाल दिए, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
पूज्य गुरु जी : नहीं, गियर तो हम ट्रैक्टर के भी निकाला करते थे। पुराने टाइम में, आपको सच बताते हैं तो हम छोटे से ट्रैक्टर चलाने लग गए थे, 9 साल के थे, तो हुआ ये कि जीटर ट्रैक्टर कहते थे उसे, छोटा सा था नीले रंग का, छोटा हिन्दुस्तान भी बोल देते थे, तो उसका गियर अड़ जाता था। तो एक दिन उसका खेत में बैक गेयर अड़ गया और चाबी-पाना कुछ भी नहीं था।
हालांकि उस उम्र में भी हमने सीख लिया था कि मिस्त्री कैसे खोलकर निकालता है। तो हमने क्या किया मुंह पीछे को किया और स्टेयरिंग से पीछे से हाथ करके खेत से पूरे गाँव से होकर घर लेकर आए। सारे हैरान रहे गए कि ट्रैक्टर का मुंह उधर को है, जा पीछे को रहा है और ऊपर कोई दिख नहीं रहा है, क्योंकि हम छोटे से थे। 9 साल का बच्चा कितना होता है। तो घर आकर चाबी पानों से गियर निकाल लिया था। ये तो अच्छा हुआ आपके गियर निकल गए। अब बढ़िया समूथ रहोगे, जो न्यूट्रल हो गया अब टॉप गेयर लगाओ राम-नाम वाला और खुशियां ही खुशियां लूटो, आशीर्वाद।
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