बीजिंग (एजेंसी)। कोरोना वायरस के बाद मंकीपॉक्स के मामले जिन देशों में पाये गये हैं, वहां से चीन पहुंचने वाले संक्रमित लोगों को किसी भी तरह के अन्य के संपर्क और उनमें इस बीमारी के किसी भी लक्षण पाए जाने पर औपचारिक रूप संबंधित अधिकारियों को सूचित करना होगा। चीन के सामान्य सीमा शुल्क प्रशासन (जीएसीसी) ने आज को यह जानकारी दी। सोमवार तक 50 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के पांच हजार 100 से अधिक मामले सामने आये हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को मौजूदा मंकीपॉक्स के प्रकोप को अंतरराष्ट्रीय चिंता बताते हुये इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आपातकाल घोषित किया है। जीएसीसी ने कहा, ‘मंकीपॉक्स के प्रकोप वाले देशों से आने वाले व्यक्ति जो मंकीपॉक्स से संक्रमितों के संपर्क में रहे हैं अथवा उनमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द और अंगों में सूजन जैसे लक्षण हैं तो उन्हें स्वयं पहल करनी चाहिए और इस बारे में सीमा शुल्क को जानकारी देनी चाहिये।
क्या है मामला
बयान में कहा गया है कि चिकित्सा कर्मी वायरस के प्रसार को सीमित करने और परीक्षण करने के लिए आवश्यक निवारक उपाय करेंगे। जीएसीसी ने यह भी कहा कि संभावित रूप से संक्रमित कंटेनरों और कार्गो को उनके मालिकों द्वारा संक्रमण रहित किया जाना चाहिए। ये उपाय 25 जुलाई से छह महीने तक लागू रहेंगे। जीएसीसी इस बीच स्थिति में परिवर्तन के आधार पर निवारक और नियंत्रण उपायों को समायोजित करेगा। मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है जो आमतौर पर जंगली जानवरों से लोगों में फैलती है और कुछ अफ्रीकी देशों में स्थानिक है। संक्रमण शरीर में तरल पदार्थ, श्वसन और अन्य दूषित पदार्थों के माध्यम से फैल सकता है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।