नसीबों वाला पंजाब का गांव नसीबपुरा

पूज्य गुरू जी ने गांव में 4 बार टिकाए अपने पवित्र चरण कमल

बठिंडा (पुष्पिन्द्र पक्का कलां )। बठिंडा जिले के गांव नसीबपुरा के निवासी बहुत ही नसीबों वाले हैं। नसीबपुरा की धरती पर डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने 11 सत्संगें फरमाकर रूहानियत की रहमत बरसाई। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा भी 4 बार अपने पावन चरण कमल इस गांव में टिकाए गए। गांव के बुजुर्ग डेरा श्रद्धालु उस समय को याद करते हुए बताते हैं कि पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने 17 जून 1967 को गांव में पहली बार सत्संग फरमाया। उस समय नगर निवासियों का अथाह प्रेम देखकर पूजनीय परम पिता जी ने खुश होकर गांव को नसीबों वाला गांव कहा।

गांव का नाम पहले कैले वांदर था लेकिन अब यह गांव नसीबपुरा गांव के नाम से जाना जाता है। गांव के डेरा श्रद्धालु मानवता भलाई के कार्यों के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। गांव में ‘द् ट्रयू ऑफ क्लब नसीबपुरा’ और शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैलफेयर फोर्स विंग के सेवादार समय-समय पर मानवता भलाई के कार्य बढचढ़ कर करते रहते हैं। गांव नसीबपुरा में कोटबख्तू रोड पर नामचर्चा घर बना हुआ है, जहां साध-संगत परमात्मा का गुणगान करती है और मानवता भलाई कार्यों और बेहतरी और तेजी से करने के लिए विचार विमर्श किया जाता है। गांव में बड़ी संख्या में साध-संगत समय-समय पर डेरा सच्चा सौदा के सेवा कार्यों में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लेती है।

Nasibpura

इस समय गांव में सेवा समिति, लंगर समिति, सड़क समिति सहित अन्य समितियां बनाई गई हैं। ब्लॉक में दो सेवादार 15 मैंबर के तौर पर सेवा कर रहे हैं। मानवता भलाई के अन्य कार्यों के साथ-साथ मरणोंपरांत मेडीकल रिसर्च के लिए शरीरदान करना भी है ताकि मेडीकल क्षेत्र से जुड़े विद्यार्थी मृत शरीरों पर रिसर्च कर सकें। इसलिए गांव नसीबपुरा से 19 डेरा श्रद्धालु मरणोंपरांत शरीरदान करने का गौरव हासिल कर चुके हैं। गांव के सेवादार रक्तदान में भी अग्रणी रोल अदा करते हैं और अब तक करीब 600 यूनिट रक्तदान किया जा चुका है।

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